मुख्य चिकित्सा कार्यालय भवन बारिश में बना कबाड़खाना

कोरबा 22 अगस्त। छह साल पहले निर्मित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय भवन में ही जर्जर हो गई है। दुर्दशा का आलम यह है कि छत का पानी कमरों में भर रहा। फर्श गीली होने के कारण हलकान कर्मचारी ईंट बिछाकर आवागमन कर रहे। बारिश शुरू होते ही प्रथम तल के कर्मचारी भीगने से बचने के लिए नीचे आ जाते हैं और कामकाज ठप हो जाता है।

जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय भवन कबाड़खाना बनकर रह गया है। भवन का छत पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। कार्यालय के प्रथम तल के सभी कक्ष में छत से सिपेज होकर पानी भर रहा है। बारिश शुरू होते ही सभी कर्मचारी नीचे आ जाते हैं। ऊपरी तल में सभाकक्ष, खाद्य निरीक्षक, ड्रग वेयर नियंत्रण अधिकारी के अलावा स्थापना शाखा के कार्यालय हैं। जिले भर के सरकारी अस्पतालों का जिस कार्यालय से नियंत्रण होता है, उसका इस तरह से बदतर होना दुर्भाग्य पूर्ण है। भवन की ऐसी दशा होने के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने सुधार की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। कर्मचारियों पर समय सीमा के भीतर कार्यालयीन कामकाज का दबाव है लेकिन अनुकूल वातावरण नहीं होने से समय सीमा के भीतर काम नहीं हो रहा है। जिसका असर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में होने वाले कामकाज पर पड़ रहा है। गर्मी के समय जैसे-तैसे काम चल जाता है पर जैसे ही बारिश शुरू होती है काम प्रभावित होता है। समय रहते सुधार कार्य नहीं कराया गया तो भवन ढहने के कगार पर जाएगा।

कार्यालय के स्टोर रूम में बरसाती पानी भरने के कारण विभागीय दस्तावेजों को रखने की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। आनन-फानन में उन्हे कक्ष से बाहर ही रख दिया गया है। छत से पानी टपकने के कारण कई दस्तावेज भीग भी चुके हैं। इनमें स्वास्थ्य योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए लाखों खर्च कर छपवा, गए सामग्री भी शामिल हैं। सुरक्षा के अभाव में वे फर्श में असुरक्षित पड़े हैं। कार्यालय में गंदगी की भरमार है। शौचालयों की दरवाजे खिड़कियां टूट चुकी है। सफाई के लिए नियमित कर्मचारी होने के बाद भी गंदगी पसरा है। कर्मचारी व आम लोगों की सुविधा के लिए बनाए तमाम शौचालय अनुपयोगी हो चुके हैं। स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता की सीख देने वाले विभाग में अभियान की धज्जियां उड़ रही है। कबाड़ हो चुके सामानों को छत तक पहुंचने वाली सीढ़ी में ही रख दिया गया है।

भवन के निकट निर्मित प्रशिक्षण केंद्र का छत भी सिपेज होने लगा है। समय रहते सुधार नहीं कराई गई तो यह भवन भी मुख्य चिकत्सा अधिकारी भवन की तरह हो जाएगा। यहां निर्मित कमरों में कबाड़ के सामान रखे जाने के कारण प्रशिक्षण के लिए उपयोग नहीं हो रहा है। जिला मेडिकल कार्यालय में यह भवन अभी मर्ज नहीं हुआ है, इस वजह से डीएमएफ से खरीदे सामानों के लिए यह सुरक्षित कक्ष है।

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