फील्ड वर्क बना निवेशकों का राशि लौटाने का बेहतर फार्मूला

कोरबा 12 अगस्त। बीते वर्षों में बड़े स्तर पर चिटफंड कंपनियों के द्वारा निवेशकों से राशि जमा कराने के बाद रफुचक्कर होने के मामले राज्य के साथ-साथ देश भर में बढ़ें हैं। अकेले छत्तीसगढ़ में कई अरब की राशि चिटफंड कंपनियों के द्वारा हजम कर ली गई। इस मामले में निवेशकों से ब्यौरा लेने का काम शुरू किया गया है। कुछ कंपनियों के बारे में पुलिस ने जानकारी जुटायी है। शुक्रवार को दुर्ग में होने वाली एक खास बैठक में पुलिस अधिकारी अब तक के अनुसंधान के संबंध में उच्चाधिकारियों को अपडेट करेंगे।

इस बैठक में कोरबा जिले सहित अनेक क्षेत्रों के थाना प्रभारियों को आमंत्रित किया गया है। चिटफंड कंपनी में निवेश करने वाले लोगों के मामले को लेकर थाना प्रभारियों ने अब तक प्राप्त शिकायतों को लेकर अलग-अलग राज्यों का रूख किया और वहां कंपनियों की अधोसंरचना के साथ-साथ उसके आर्थिक श्रोतों की जानकारी खंगाली। इस कड़ी में कोरबा जिले की एक टीम ने पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के कोलकाता का रूख किया था। रोजवैली इन्वेस्टमेंट प्राईवेट लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी का कारोबार यहां पर केद्रिन्त था और देश भर में फैला हुआ था। वर्षों पहले तक जिन निवेशकों ने इस कंपनी में निवेश बंद किया और जमा राशि निकाल ली वे फायदे में रहे। बाद में कंपनी के बोरिया बिस्तर समेट लेने से अनेक निवेशकों की परेशानी बढ़ गई। अब वे अपनी राशि के लिए परेशान हो रहे है। अधिकारियों के निर्देश पर बालको नगर पुलिस की एक टीम ने रोजवैली से संबंधित शिकायतों के संदर्भ में पश्चिम बंगाल का दौरा किया। इसके अंतर्गत कंपनी के कारोबार और विभिन्न पक्षों को जानने का प्रयास किया। इसकी डिटेलिंग की गई है। दुर्ग में 13 अगस्त को होने वाली बैठक में इसका प्रजेंटेशन किया जाएगा। इसी तरह सांई प्रसाद, सर्वमंगला फाइनेंस और दूसरी कंपनियों के बारे में भी जानकारी जुटायी गई है। गृह विभाग ने संबंधितों को तथ्यों के साथ बैठक में बुलाया है। माना जा रहा है कि फील्ड वर्क करने के साथ पुलिस ने जो जानकारी एकत्र की है, उसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के निवेशकों को उनके द्वारा जमा की गई राशि को लौटाने के लिए बेहतर फार्मूला निकाला जा सकेगा। यह भी समझा जा रहा है कि दूसरे राज्यों को भी इस पहल से अपने निवेशकों के मामले में काफी फायदा मिल सकता है, जिनकी काफी रकम अनेक चिटफंड कंपनियों में फंसी हुई है।

प्रदेश सरकार ने इससे पहले 02 से 06 अगस्त तक निवेशकों से आवेदन पत्र लेने का कार्यक्रम तय किया था। इसमें निवेश की राशि, कंपनी का नाम, पता और स्कीम के साथ-साथ निवेश की तिथी आदि की जानकारी चाही गई। शुरूआती दौर में आवेदन लेने का काम केवल जिला स्तर पर किया गया। निवेशकों की संख्या ज्यादा होने से भीड़भाड़ हो गई और इसके कारण कोरोना गाईड लाइंस का उल्ल्ंाघन हुआ। तहसील स्तर पर आवेदन लेने के काम के बावजूद राहत न होने पर अब सरकार ने सभी तरफ आवेदन लेने की तारीख 20 अगस्त तक बढ़ा दी है।

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