राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कांग्रेस हाईकमान को दिया बड़ा झटका
भोपाल 1 जुलाई: कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने पार्टी के विधि प्रकोष्ठ (लीगल सेल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर असंतुष्ट नेताओं के जी-23 की तरफ से पार्टी हाईकमान को बड़ा संदेश दिया है ।
उन्होंने वंशवाद के खिलाफ जंग में अब किसी पद पर लंबे समय तक जमे रहने को लेकर नैतिक आधार पर विरोध करने की शुरुआत कर दी है । माना जा रहा है कि इससे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन की मांग का दबाव बढ़ेगा । जी-23 पिछले कुछ वर्षो से मांग कर रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर गैर गांधी को अवसर दिया जाए ।
समीक्षा की आवाज को नकारा :
इसी साल फरवरी में कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव को लेकर संकेत मिल रहे थे लेकिन ऐन वक्त पर इसे जून तक के लिए टाल दिया गया । इस बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस मुद्दे को फिर टाल दिया गया । विस चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा । पार्टी में अंदरूनी तौर पर खराब प्रदर्शन की समीक्षा की आवाज उठी जिसे नकार दिया गया ।
विधानसभा चुनाव और कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस मुद्दे को फिर टाल दिया गया । विस चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा । पार्टी में अंदरूनी तौर पर खराब प्रदर्शन की समीक्षा की आवाज उठी जिसे नकार दिया गया ।
चुनाव की चर्चाओं को मिली हवा :
बताया जाता है कि विस चुनावों में प्रचार की कमान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभाल रखी थी जिसके चलते इस पर चर्चा की मांग दबी रह गई जबकि जी-23 के नेता इस पर मुखर होने के मूड में थे । इस बीच अचानक विवेक तन्खा ने विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुनाव की चर्चाओं को हवा दे दी है । उन्होंने इस्तीफे की वजह बताई थी कि कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक एक ही पद पर रहकर न्याय नहीं कर सकता । नई पीढ़ी को यह दायित्व सौंपा जाना चाहिए ।
वंशवाद के तो मैं खिलाफ हूं :
राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि वंशवाद के खिलाफ तो मैं हूं । मैंने अपने बेटे वरुण तन्खा के नरसिंहपुर विधानसभा सीट से टिकट का भी विरोध किया था । मैंने कांग्रेस नेतृत्व को साफतौर पर कहा था कि वरुण मेरा बेटा है, सिर्फ इस नाते आप टिकट दे रहे हैं, यह गलत है । वह काबिल बने फिर किसी भी पार्टी से चुनाव लड़े, कोई दिक्कत नहीं । कांग्रेस नेतृत्व ने मुझसे पूछा कि आप लीगल सेल के चेयरमेन पद पर बने रहना चाहते हों तो बताएं । मैंने कहा कि मुझे रुचि नहीं है, किसी नए व्यक्ति को मौका दें। हमें अपने पुरुषार्थ पर भरोसा है ।