शासकीय हाई स्कूल दर्री की प्राचार्य मिना साहू की पुनः हुई शिकायत.. मीडिया में भ्रामक जानकारी देने का लगा आरोप

कोरबा 03 जून। शासकीय हाई स्कूल दर्री की प्राचार्य श्रीमती मीना साहू एक बार फिर सवालों के घेरे में आ चुकी हैं। इनके विरुद्ध संस्था की ही तीन महिला व्याख्याताओं ने बिना आधार के मई 2021 का वेतन रोकने का आरोप लगातेे हुए शिकायत की थी। जिसपर प्राचार्य ने दिनांक 2 जून 2021 को शिक्षकों के विरुद्ध कोविड-19 ड्यूटी में अनुपस्थित रहने एवं एक अन्य शिक्षक के अतिशेष होने की जानकारी देते हुए यह भी उल्लेखित किया कि एसडीएम कार्यालय के निर्देशानुसार कोविड-19 के काल में इन शिक्षिकाओं का वेतन रोका गया है।इसके विरुद्ध आज तीनों महिला व्याख्याता श्रीमती कविता कौशिक, श्रीमती हेमलता करियारे एवं श्रीमती मधुबाला साहू ने सामूहिक रूप से प्राचार्य के विरुद्ध पुनः शिकायत पत्र प्रेषित किया है जिसमें उन्होंने उल्लेखित किया है की प्राचार्य द्वारा भ्रामक जानकारियों का प्रचार किया जा रहा है।

व्याख्याताओं ने अपनी शिकायत में उल्लेखित किया है की प्राचार्य ने अपने विरुद्ध हुई शिकायत के संज्ञान में आते ही हिंदी इंडिक फोंट में दिनांक 30 मार्च 2021 व हस्ताक्षर दिनांक 31.05.2021 दिखाते हुए फर्जी पत्र क्रमांक Q जारी किया है। ज्ञात हो पत्र प्रेषित करने में विद्यालय का एक रेगुलर डिस्पैच नंबर होना अनिवार्य है। इसके साथ ही साथ यह अपने आप में ऐसा पहला लेटर होगा जिसमें डिस्पैच पहले हो जाता है और हस्ताक्षर बाद में। उक्त पत्र में प्राचार्या साहू के द्वारा वेतन रोकने के संबंध में जानकारी प्रचार की गई है कि एसडीएम कार्यालय के निर्देशानुसार संबंधित व्याख्याताओं का वेतन रोका गया है।जबकि कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष द्वारा इस संबंध में एसडीएम से बात करने पर जानकारी प्राप्त हुई की उनके द्वारा ऐसा कोई भी लेटर जारी नहीं किया गया है, न ही किसी कर्मचारी का वेतन रोकने के लिए निर्देशित किया गया है।

एसडीएम कार्यालय द्वारा जारी स्पष्टीकरण पत्र क्रमांक 2745 दिनांक 21 मई 2021 में 7 शिक्षकों का नाम था। एसडीएम सभी व्याख्याताओं के स्पष्टीकरण से संतुष्ट थी एवं उन पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही की अनुशंसा नहीं की थी। पत्र में उल्लेखित 7 में से 5 शिक्षकों का वेतन उनके डी डी ओ व प्राचार्य ने बदस्तूर जारी कर दिया, परंतु श्रीमती मीना साहू ने जानबूझकर 2 व्याख्याताओं का वेतन बिना किसी कारण ही रोक दिया है। साथ ही श्रीमती हेमलता करियारे को प्राचार्य द्वारा अतिशेष शिक्षक के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है जबकि वर्ष 2018 से शिक्षिका यहां पर नियमित रूप से पोस्टेड है एवं इनका वेतन आज तक बिना किसी रुकावट के जारी किया जाता रहा है।

इसके अलावा श्रीमती मीना साहू द्वारा शिक्षिका की शिकायत को धमकी भरा पत्र उल्लेखित किया गया है, जबकि शिक्षिका ने महज यह लिखा है की प्राचार्य ने जानबूझकर वेतन रोक दिया है और वह अपने घर पर वेतन प्राप्त करने वाली अकेली कर्मचारी है। कोविड-19 में यदि उसके परिवार के साथ कुछ अनुचित घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्राचार्य की होगी।
पूर्व में संस्था के छात्रों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि प्राचार्या साहू द्वारा इंस्पायर अवार्ड संबंधी राशि का गबन कर लिया गया था। जिसके संबंध में बच्चों ने इनके विरुद्ध कलेक्टर कोरबा से शिकायत की थी। इसके अतिरिक्त इनके विरुद्ध विभिन्न अनैतिक कार्यकलापों के संबंध में प्राचार्य कटघोरा द्वारा प्रदत जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के द्वारा श्रीमती मीना साहू को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके संबंध में प्राचार्य ने आज तक चुप्पी साध रखी है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष ओम प्रकाश बघेल ने बताया कि “श्रीमती मीना साहू प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल के द्वारा संस्था की तीन महिला व्याख्याता का कोविड-19 के काल में वेतन रोका गया है । इस संबंध में एसडीएम कटघोरा का निर्देश होने की जानकारी प्रदान की गई थी। जबकि मेरे द्वारा एसडीएम मैडम से टेलिफोनिक जानकारी ली गई जिसमें उन्होंने किसी भी कर्मचारी के वेतन रोकने या काटने के संबंधित किसी भी प्रकार के निर्देश जारी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने प्राचार्य को किसी भी प्रकार के कोई निर्देश नहीं दिए हैं । प्राचार्य का यह कृत्य निंदनीय है एवं संघ इसका विरोध करता है।

Spread the word