कोरोना महामारी के दौरान पीएम केयर्स फंड बना हर समस्या का समाधान

नईदिल्ली 15 मई। चाहे कोविड की पहली लहर हो या दूसरी, सरकार ने इस कोरोना काल के दौरान पीएम केयर्स (प्राइम मिनिस्‍टर्स सिटीजन असिस्‍टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन्‍स) फंड की सहायता से कोविड रोगियों की जरूरतें पूरी करने का हर संभव प्रयास किया है और अभी भी कर रही है। इसी श्रृंखला में सरकार ने हाल ही में पीएम केयर्स फंड से 322.5 करोड़ रुपए की लागत से 1,50,000 ऑक्सीकेयर सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी है। यह डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई मरीजों के एसपीओ2 स्‍तर के आधार पर उन्‍हें दी जा रही ऑक्सीजन को नियंत्रित रखने के लिए एक व्यापक प्रणाली है।

ऑक्सीकेयर प्रणाली करती है मरीज के ऑक्सीजन की खपत का नियंत्रण

यह प्रणाली दरअसल मरीज के एसपीओ2 स्तर के आधार पर ऑक्सीजन की खपत का नियंत्रण करती है और पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर के उपयोग की निरंतरता को बढ़ा देती है। ऑक्सीकेयर सिस्टम ऑक्सीजन प्रवाह और नियमित माप के मैनुअल समायोजन की आवश्यकता समाप्त कर स्वास्थ्य कर्मियों के काम के बोझ को कम करता है। यह एक स्वचालित प्रणाली है जो एसपीओ2 का मान कम होने और प्रोब के डिस्कनेक्ट होने पर ऑडियो चेतावनी देता है। इन ऑक्सीकेयर सिस्टम का उपयोग अस्पतालों, कोविड केयर केंद्रों, क्‍वारंटाइन केंद्रों और घरों में किया जा सकता है।

पिछले महीने लिया गया था 551 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का निर्णय

पिछले महीने प्रधानमंत्री ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 समर्पित पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन) चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया था। इसके लिए 25 अप्रैल 2021 को स्थापना के लिए धन आवंटन को मंजूरी दी थी। इन संयंत्रों से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी। पीएम केयर्स फंड ने इस साल की शुरुआत में देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपए आवंटित किए थे।

पिछले वर्ष पीएम केयर्स फंड से किया गया था 3,100 करोड़ रुपए का आवंटन

कोरोना की पहली लहर के दौरान भी पीएम केयर्स फंड की सहायता से सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। पीएम केयर्स फंड ट्रस्‍ट ने कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए पिछले वर्ष मई में 3,100 करोड़ रुपए का आवंटन किया था। 3,100 करोड़ रुपए में से लगभग 2,000 करोड़ रुपए का आवंटन वेंटिलेटर्स की खरीद के लिए तथा 1,000 करोड़ रुपए की राशि का उपयोग प्रवासी कामगारों की देखरेख के लिए किया गया था। वहीं 100 करोड़ रुपए की राशि वैक्‍सीन के विकास के लिए आवंटित की गई थी। इसके अलावा अगस्त 2020 में पीएम केयर्स फंड की राशि एवं डीआरडीओ की सहायता से पटना एवं मुजफ्फरपुर में 500 बेड वाले अस्पताल बनवाए गए थे।

पिछले कुछ दिनों से कोविड के मामलों में आई है कमी

यह सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि पिछले कुछ दिनों से कोविड के मामलों में तुलनात्मक कमी आई है। पीएम केयर्स द्वारा बनाए गए अस्पतालों के कारण विभिन्न राज्यों में कोविड रोगियों के लिए बेड की संख्या में वृद्धि हुई है। सभी के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन संयत्र स्थापित किए गए हैं एवं कई का कार्य प्रगति पर है। इन सब के कारण भारत के रिकवरी दर में काफी सुधार हुआ है। पिछले 24 घंटे में 3 लाख से ज्यादा लोग रिकवर हुए हैं। यह भारत के लिए एक अच्छा संकेत है।

केंद्र और राज्य सरकारों ने देश को इस महामारी के चंगुल से निकालने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अब यह हमारा कर्तव्य की हम भी सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड संबंधित दिशानिर्देशों का पालन करें। उम्मीद है कि प्रशासन की मेहनत और लोगों की सतर्कता से हम बहुत जल्द इस महामारी के संकट से देश को निकाल लेंगे।

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