विडम्बना : शिक्षकों को घर में संक्रमित सदस्य होने के बाद भी करनी होगी ड्यूटी.. जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश की शहर में सरगर्मी से चर्चा

कोरबा 06 मई। कोरोना काल में नियमों को अपने काम और जरूरत के अनुसार बनाया और तोड़ा जा रहा है। इससे भय, आक्रोश और दुविधा के हालात बन रहे हैं। जब किसी परिवार में एक भी सदस्य के संक्रमित आने पर उसे अलग कर शेष सदस्यों को भी आइसोलेट ही रहना है, बाहर नहीं निकलना है और कोई निकल गया तो एफआईआर हो रही है तब ऐसे में शिक्षा विभाग अपना अलग निर्देश जारी कर रहा है।

वर्चुवल बैठक के बाद शिक्षकों को भेजे जा रहे आवश्यक सूचना में जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के हवाले से कहा जा रहा है कि —

  1. जिन शिक्षकों की अन्य कार्यों में ड्यूटी लगी है उन्हें छोड़कर बचे हुए सारे शिक्षक/ व्याख्याता प्रतिदिन नियमित रूप से विद्यालय आएंगे।
  2. विद्यालय आकर एक्टिव सर्विलेंस के कार्य में सहयोग करेंगे।
  3. प्रतिदिन लगभग 50 घरों का एक्टिव सर्विलेंस करना है। दिए गए प्रपत्र में जानकारी जमा की जानी है।
  4. नो वर्क नो पे के सिद्धांत पर कार्य किया जाएगा। प्रत्येक शिक्षक को ड्यूटी करना आवश्यक है। उपस्थिति पत्रक के हस्ताक्षर के आधार पर ही वेतन आहरण किया जाएगा।
  5. केवल कोविट पॉजिटिव शिक्षकों को ही 14 दिन का अवकाश दिया जाएगा। घर में किसी के पॉजिटिव आने के कारण शिक्षकों को होम आइसोलेशन नहीं मिलेगा। शासकीय कर्मचारियों को कर्तव्य स्थल पर आना ही है।
  6. मेडिकल लीव का आवेदन देने वाले सभी शिक्षकों को मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होकर मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा।
  7. राष्ट्रीय विपदा की इस घड़ी में सभी शासकीय कर्मचारियों से अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण इमानदारी से किए जाने की अपेक्षा की जाती है।

बेशक शिक्षक वर्ग भी अपना काम बखूबी निभा रहा है जबकि न तो उसे फ्रंट लाइन वर्कर माना जा रहा है, साथ ही टीकाकरण से भी वंचित रखे गए हैं, तब इस तरह का फरमान भय पैदा कर रहा है, खासकर पांचवां बिंदु। जब संक्रमित व्यक्ति के परिवार को आइसोलेट करने का निर्णय प्रशासन ने लिया है फिर होम आइसोलेशन के बने नियम-कायदे से शिक्षकों को क्यों और कैसे पृथक किया जा रहा है?

एक ओर दर्ज किया अपराध, तो दूसरी ओर उसी कानून को दिखा रहे ठेंगा

बता दें कि कल ही होम क्वारेंटाइन रहने के बाद भी बाहर निकलने वाले एक व्यक्ति पर कटघोरा पुलिस ने जुर्म दर्ज किया है। वार्ड 10 के निगरानी दल द्वारा 29 अप्रैल को सत्या श्रीवास एवं विजय श्रीवास का कोरोना टेस्ट पॉजीटिव आने पर विजय को सीपेट के क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया है। घर के सभी सदस्यों को 12 मई तक होम आइसोलेट किया गया लेकिन 3 मई को चेक करने पर राजू श्रीवास घर में नहीं मिला और बाहर घूमने जाना बताया गया। उसके विरूद्ध कटघोरा नगर पालिका के सीएमओ जितेन्द्र बहादुर सिंह की रिपोर्ट पर महामारी अधिनियम की धारा 269, 270 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है। अब शिक्षकों द्वारा यह सवाल उठाया जा रहा है कि जब कानून सब के लिए समान है तो प्रशासन अपने ही बनाए नियमों की अवहेलना कर शिक्षकों के लिए पृथक मापदण्ड कैसे अपना सकता है।

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