कोरोना से सीएसईबी के एस ई और उनके पुत्र की हुई मौत

जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर हुई 6800

कोरबा 17 अप्रैल। चाईना के बुहान शहर से निकलकर दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस की समाप्ति के लिए कोशिश जारी है लेकिन इसका कहर अब भी कायम है। दूसरी लहर को पहली की अपेक्षा कुछ ज्यादा ताकतवर माना जा रहा है। इसकी चपेट में आने से मौतों का सिलसिला बदस्तुर जारी है। छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी भी कोरोना की चपेट में आने से जिंदगी गवां बैठे। उनके निधन से पहले पुत्र की मौत हो गई। परिवार में पत्नी और अन्य सदस्य भी पीड़ित बताये जा रहे है।

जानकारी के अनुसार राज्य बिजली उत्पादन कंपनी के सिविल विभाग में मढ़वा ताप विद्युत परियोजना में अतिरिक्त मुख्य अभियंता के पद पर कार्यरत एल के चौहान की सांसे कोरोना के कारण थम गई। 10 दिन पहले चौहान और उनके परिजन कोरोना पॉजीटिव घोषित किये गये थे। इसके साथ ही स्थिति बिगड़ती गई। उन्हें कोरबा के ईएसआईसी कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। सोमवार को चौहान के पुत्र की मौत हो गई। इस सदमे के साथ-साथ कोविड से परेशानी झेल रहे चौहान का साथ अपनी सांसो से बहुत अधिक समय तक नहीं रहा। बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। चौहान ने काफी समय तक अधीक्षण अभियंता सिविल के पद पर एचटीपीएस दर्री और सीएसईबी कोरबा ईस्ट के साथ-साथ डीएसपीएम कोरबा विस्तार में भी सेवाएं दी। उनके निधन की खबर विलंब से सार्वजनिक हुई। इससे परिचितों और शुभचिंतकों में शोक की लहर छा गई। सीएसईबी कालोनियों में कोरोना का प्रसार इन दिनों जमकर छाया हुआ है। काफी संख्या में इंजीनियर और अधिकारी इसकी जद में है। इसलिए एचटीपीएस दर्री में सी टाईप आवासीय परिसर को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। वहां की लगातार निगरानी रखी जा रही है।

एनटीपीसी कावेरी विहार पर भी नजरः-एनटीपीसी परियोजना के आवासीय परिसर कावेरी विहार जमनीपाली के एक हिस्से को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। वहां काफी संख्या में कर्मचारी और उनके परिजन कोरोना पॉजीटिव आए है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इलाके की घेराबंदी कराई है। संबंधित क्षेत्र के किसी व्यक्ति को बाहर निकलने की मनाही है। आवश्यक वस्तुओं की पहुंच मौके तक कराने के लिए विकल्प तय किये गये है। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगभग हर क्षेत्र चुनौती झेल रहा है। भारत एल्यूमिनियम कंपनी के कुछ सेक्टर में हालात बिगड़े है। यहां के प्रभावित आवासीय परिसरों के आसपास घेराबंदी कराई गई है और प्रतिबंधित क्षेत्र की सूचना देने वाले स्टीकर लगाये गये है। इसके माध्यम से आम लोगों को आगाह कराया जा रहा है कि भूलकर भी इस क्षेत्र का रूख न करें। लोगों की पहुंच को ब्रेक करने के लिए प्रशासन और पुलिस की टीमें ऐसे क्षेत्रों में कनेक्टिंग पाईंट पर नजर रखे हुए है। कहा जा रहा है कि न्यूनतम आवाजाही को सुनिश्चित करने के साथ ही कोरोना को फैलने और मृत्यु दर को रोकने में सफलता पाई जा सकेगी।

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