हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली पर ED हरकत में आया, मनी लांड्रिग की होगी जांच
नईदिल्ली 22 मार्च : महाराष्ट्र में हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट देने का पर्दाफाश होने के बाद उद्वव सरकार हिली हुई हैं वही इस मामले को लेकर ईडी सक्रिय हो गया है। पता चला हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जल्द ही एनआइए से जांच का विस्तृत ब्यौरा मांगने जा रहा है। मुम्बई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे को भेजे गए पत्र में सच्चाई पाये जाने की स्थिति में ईडी मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर सकता है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना हैं कि यदि परमबीर सिंह के आरोपों में सच्चाई है, तो सालाना हजारों करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग का मामला बनता है और इसकी तह तक जाना जरूरी है।साथ ही उन्होंने कहा कि अवैध वसूली से बनाई संपत्तियों का पता लगाकर उन्हें जब्त करना ईडी का काम है। ये संपत्ति किसी भी रूप में हो चाहे चल-अचल, नकद या फिर क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल रूप में ही क्यों नहीं हो।
ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि सचिन वाझे ने देश के सबसे बड़े उद्योगपति को भयभीत मोटी रकम वसूलने की साजिश रची थी, जिसमें वह खुद बुरी तरह फंस गया।
लेकिन वाझे ने अभी तक मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन की छड़ों के साथ स्कार्पियो खड़ी करने के पीछे असली मकसद का खुलासा नहीं किया है
जाहिर सी बात है की देश के सबसे बड़े उधोगपति मुकेश अंबानी को डराकर वसूली करना अकेले वाझे के बस की बात नहीं थी और इस साजिश में कई अन्य बड़े लोग भी शामिल हो सकते है, जिन तक वसूली की रकम पहुंचती थी। जिसका शक परमवीर ¨सह के पत्र में लगाए गए आरोपों से होता है। सचिन वाझे की मर्सिडीज कार से पांच लाख रुपये नकद और नोट गिनने की मशीन की बरामदगी से साफ संकेत मिलता है कि इसका इस्तेमाल हर दिन वसूल की जाने वाली रकम को गिनने के लिए किया जाता था।
ईडी के वरिष्ठ अधिकारी यह मानते हैं कि सचिन वाझे का मामला सीधे-सीधे मनी लांड्रिंग का केस है। और इसकी जांच जरूर की जाएगी। एनआइए से अब तक की जांच का विस्तृत ब्योरा और एफआईआर की प्रति मिलते ही केस दर्ज कर लिया जाएगा।