दिल्ली में अराजकता फैलाने वाले गुंडों की शुरू हुई खोजबीन

नई दिल्ली 27 जनवरी। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और उपद्रव के लिए अब किसान नेताओं और उपद्रवियों की शिनाख्ती शुरू हो गई है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन का वादा कर तांडव मचाने वाले नेताओं के खिलाफ एनआईए – पुलिस ने मोर्चा खोल दिया है। शुरूआती दौर में हिंसा भड़काने के लिए दीप सिद्धू नामक किसान नेता को जिम्मेदार ठहराया गया है। कुछ किसान नेताओं का आरोप है कि ट्रैक्टर रैली में शामिल किसानों को दीप सिद्धू ने उपद्रव के लिए उकसाया जिसके बाद किसान लाल किले की तरफ रवाना हुए।

उधर किसान नेता राकेश टिकैत की दलील है कि उन्होंने रैली को नहीं भड़काया था। हिंसा कैसे भड़की ? इस सवाल के जवाब में वे कन्नी काटते नजर आये। हालाँकि उन्होंने ऐलान किया कि किसान आंदोलन जारी रहेगा। दिल्ली हिंसा को लेकर अभी तक 15 FIR दर्ज हो चुकी है। यह क्रम अभी जारी है।

पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के साथ अलग-अलग हुईं झड़पों में दिल्ली पुलिस के करीब 83 कर्मी घायल हुए हैं। इन्हे इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती किया गया है। पुलिस ने हिंसा और उपद्रव के लिए अभी एक दर्जन से ज्यादा एफ आई आर दर्ज की हैं। किसान नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि सिंघु बॉर्डर पर एक दिन पहले दीप सिद्धू और लखा सिधाना ने प्रदर्शनकारियों को उकसाने की कोशिश की थी। यादव ने कहा, ‘दीप सिद्धू माइक्रोफोन के साथ लाल किला कैसे पहुंच गया, इस बात की जांच होनी चाहिए।’

भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रमुख गुरनाम सिंह चदूनी का आरोप है, ‘दीप सिद्धू ने प्रदर्शनकारियों को उकसाया एवं गुमराह किया।’ दिल्ली हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हरकत में आ गया है | उधर लाल किले में हुड़दंग और तिरंगे के अपमान को लेकर दीप सिद्धू ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में खुद को बेकसूर होने का दावा किया है।

दीप का कहना है कि ‘हमने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत लाल किले की प्राचीर पर केवल निशान साहिब के झंडे को फहराया, तिरंगे को वहां से नहीं हटाया गया।’ दरअसल मंगलवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों के एक समूह ने लाल किले पर धावा बोल दिया था। लाल किले की इस घटना के बाद किसान नेताओं ने इससे खुद को अलग किया है।

साल 1984 में पंजाब के मुक्तसर जिले में दीप सिद्धू का जन्म हुआ। दीप ने कानून की पढ़ाई की है। वह किंगफिशर मॉडल अवार्ड भी जीत चुका है। इन दिनों पंजाब में वे अपनी फिल्मों और मॉडलिंग के लिए जाने -पहचाने जाते है। साल 2015 में दीप की पहली पंजाबी मूवी रमता जोगी रिलीज हुई थी। इसके बाद साल 2018 में आई फिल्म जोरा दस नंबरिया से दीप की लोकप्रियता बढ़ी। इस फिल्म में उसने गैगस्टर का लीड रोल किया। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा सांसद सन्नी देओल ने दीप को गुरदासपुर में अपने चुनाव प्रचार टीम में शामिल किया था।

हालाँकि अब लाल किले का उपद्रव सामने आने के बाद भाजपा सांसद सनी देओल ने खुद को दीप से अलग किया है। सन्नी देओल ने अपने एक ट्वीट में कहा है, ‘गत छह दिसंबर को मैंने कहा था कि मेरा और मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नहीं है।’फ़िलहाल दिल्ली में लाल किला, मेट्रो स्टेशन और इंडिया गेट पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कई किसान नेता भूमिगत बताये जा रहे है। फ़िलहाल प्रशासन हालात को सामान्य बनाने में जुटा है।

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