कोयला मंत्री किसके? खाए – पीए खिसके.! मीडिया से मुंह छिपाते रहे SECL के PRO..!

कोरबा। केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी गुरुवार को एस ई सी एल के गेवरा एरिया के प्रवास पर आए हुए थे। उनके प्रवास के दौरान क्षेत्र के भू विस्थापितों को अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद थी लेकिन प्रबंधन ने कोयला मंत्री और भू विस्थापितों के बीच चट्टानी दीवार का काम किया और दोनों पक्षों में भेंट नहीं होने दी। लिहाजा भू विस्थापितों को निराश होना पड़ा।

अपने प्रवास के दौरान कोयला मंत्री ने कोयला खनन की गतिविधियों का जायजा लिया। चुनिंदा कामगारों को सम्मानित किया। अधिकारियों की बैठक ली। शानदार लंच लिया और वापस लौट गए। क्षेत्र के भू विस्थापित अब कह रहे हैं- “मंत्री जी किसके? खाए- पिए खिसके.!”

अयोग्य पी. आर. ओ.

एस. ई. सी. एल. के पी. आर. ओ. सनीश कुमार की अयोग्यता एक बार फिर सामने आ गई है। पिछली बार की तरह ही इस बार भी कोरबा के पत्रकारों को कोयला मंत्री से दूर- दूर रखा गया। गेवरा में कोयला मंत्री का प्रेस कांफ्रेंस नहीं रखा गया। कोरबा के पत्रकार उनसे मोबाइल पर संपर्क का प्रयास करते रहे, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। SECL के PRO, मीडिया से मुंह छिपाते रहे। जबकि उनका दायित्व ही मीडिया और कंपनी के बीच सेतु का कार्य करना है। कोरबा के पत्रकारों ने SECL के नव नियुक्त CMD से PRO के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अपेक्षा की है।

पुलिस का सहारा

SECL प्रबंधन विस्थापितों की आवाज दबाने के लिए हमेशा से प्रशासन और पुलिस का सहारा लेता रहा है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। भू विस्थापितों ने अपनी समस्याओं पर चर्चा के लिए प्रबंधन के जरिए कोयला मंत्री से भेंट के लिए समय की मांग की। प्रबंधन ने उनकी बात की अनसुनी कर दी। इसके बाद कुछ विस्थापित प्रवास के दौरान मंत्री को काला झंडा दिखाने की मंशा से गेवरा पहुंचे, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया और मंत्री की वापसी के बाद रिहा किया। यानी, अब आम आदमी अपना विरोध भी दर्ज नहीं करा सकता?

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