खटाई में पड़ती नजर आ रही रूस यूक्रेन शांति वार्ता,ईयू करेगा मदद

लंदन। खनिज समझौते के लिए अमरीका गए यूक्रेनी राष्ट्रपति ब्लादिमीर जेलेंस्की और अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच तीखी बहस के बाद शांति वार्ता खटाई में पड़ती नजर आ रही है। यदि अमरीका मदद से पीछे हटता है तो रूस के साथ जंग में यूक्रेन को बचाने की जिम्मेदारी अब यूरोपीय संघ (ईयू) के कंधों पर होगी। क्योंकि ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अब रूस-यूक्रेन युद्ध से अमरीका दूर रहेगा। अमरीका से सीधे लंदन पहुंचे जेलेंस्की को यूरोपीय देशों ने आर्थिक मदद और शांति वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद का भरोसा दिया है। जेलेंस्की के रुख का समर्थक कर चुके फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी सहित कई यूरोपीय देशों ने यूक्रेन की ओर मदद का हाथ बढाया है। इसको लेकर यूरोपीय संघ के देशों की आपात बैठक में आगे की रणनीति तय होगी। जबकि ब्रिटेन ने यूक्रेन को युद्ध में मदद के लिए 25 हजार करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। यह मदद जी/एक्स्ट्राऑर्डिनरी रेवेन्यू एक्सेलेरेशन लोन टू यूक्रेन का हिस्सा है, जिसके तहत जी-7 देश मिलकर 50 अरब डॉलर की आर्थिक मदद यूक्रेन को दे रहे है।
ट्रंप के साथ संबंध सुधारे जेलेंस्की : नाटो
नाटो के सेक्रेटरी जनरल मार्क रुटे ने जेलेंस्की से कहा है कि वे ऐसा रास्ता ढूंढें, जिससे उनके अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ रिश्ते बेहतर हो सकें। एक इंटरव्यू में रुटे ने कहा, अमरीका ने यूक्रेन के लिए जो किया, उसके लिए उन्हें राष्ट्रपति ट्रंप का सम्मान करना चाहिए।
शांति समझौते पर करेंगे काम
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने रविवार को कहा कि ब्रिटेन और फ्रांस, यूक्रेन के साथ एक शांति समझौते पर काम करेंगे और फिर इस पर अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ चर्चा करेंगे। स्टार्मर ने बताया कि उन्होंने और मैक्रों ने अमरीका और रूस के बीच चल रही वार्ताओं से अलग बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई है।
हमारे बिना जीत नहीं सकते : ट्रंप
जेलेंस्की से बहस के बाद ट्रंप ने कहा था, या तो हम इसे खत्म कर देंगे या उन्हें लड़ने देंगे और अगर वह लड़ाई लड़ता है तो यह उसके लिए अच्छा नहीं होगा, क्योंकि वह हमारे बिना जीत नहीं सकता। हालांकि रिपोटों में सामने आ रहा है कि व्हाइट हाउस जेलेंस्की से हुए व्यवहार के लिए माफी मांग सकता है।
रूस का मुकाबला अब यूरोप से
जेलेंस्की से टकराव और रूस से ट्रंप की नजदीकी ने नए समीकरण पैदा कर दिए हैं। तीन साल से यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझे रूस का मुकाबला अब यूरोप से हो सकता है, जिसका केंद्र यूक्रेन रहने वाला है। जेलेंस्की से झड़प के बाद यूरोपीय देश यूक्रेन के साथ एकजुटता का संदेश दे चुके हैं। यदि ऐसा हुआ तो रूस यूरोपीय देशों पर हमले कर सकता है, जिससे एक नया बैटलफील्ड बनेगा। गौरतलब है कि स्टार्मर और उनसे पहले फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ यूक्रेन मुद्दे पर ट्रंप कतई सहज नहीं थे।