कोरबा कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी उषा तिवारी का राजनीतिक सफर
कोरबा। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने कोरबा नगर निगम की सामान्य महिला सीट के लिए श्रीमती उषा तिवारी पर भरोसा जताया है। उनके सामने नगर निगम में तीसरी बार कांग्रेस की सरकार बनाने की चुनौती है। बहरहाल आइये, जानते हैं- श्रीमती उषा तिवारी का राजनीतिक सफर-
उषा तिवारी का जन्म 1 जुुलाई 1960 में हुआ। उषा तिवारी के पति डाॅ.के.पी.तिवारी पेशे से चिकित्सक है। शिक्षा की बात करे तो उषा तिवारी ने बीएससी से स्नातक की शिक्षा पूरी की है। इसके बाद वर्ष 1990 से उषा तिवारी ने कांग्रेस से जुड़कर सामाजिक एवं राजनीतिक कार्य में आगे बढ़ी। वर्ष 1193 से 2003 तक उषा तिवारी को कांग्रेस पार्टी ने ब्लाॅक महिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण का अध्यक्ष बनाया। साल 2001 से 2004 तक महामंत्री प्रदेश कांग्रेस कमेटी नगरी निकाय।
साल 2004 से 2005 तक उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी।
साल 2005 से 2011 तक अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी शहर कोरबा
साल 2011 से 2014 तक सदस्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी
साल 2012 से 2014 तक सचिव छ.ग. प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं प्रभारी रायपुर वि. क्षेत्र।
साल 2018 से 20220 तक अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण कोरबा का दायित्व निर्वहन किया।
छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल नेताओं के कोरबा की राजनीति पर नजर डाले तो कोरबा नगर निगम की महापौर सीट पर प्रत्याशियों से ज्यादा मौजूदा मंत्री लखनलाल देवांगन और पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की साख दांव पर लगी हुई है। ऐसे में उषा तिवारी के नाम का ऐलान होने के बाद जहां कांग्रेस एक बार फिर जहां एकजुटता के साथ चुनाव लड़कर लगातार तीसरी बार कांग्रेस का महापौर बनाने की जुगत लगायेगी। वहीं मंत्री लखनलाल देवांगन निगम की सत्ता से कांग्रेस को उखाड़ फेंकने में अपनी ताकत झोंकते नजर आयेंगे। जाति समीकरण की बात करे तो कोरबा नगरीय निकाय क्षेत्र में ब्राम्हण के साथ ही पूर्वांचल के काफी मतदाता है। इस लिहाज से निगम की सत्ता की लड़ाई सीधे तौर पर पूर्वांचल बनाम ब्राम्हण के बीच होगी। इस लड़ाई में स्थानीय मुद्दे चुनाव पर काफी असर डालेंगे। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच यह मुकाबला एक तरफा न होकर काफी रोचक और कड़ा होने वाला है, जिस पर पूरे प्रदेश की नजर रहेगी।