महाप्रबंधक तरूण प्रकाश ने कोल साइडिंग का किया अवलोकन, अधिकारियों से की आवश्यक मंत्रणा
कोरबा 15 जनवरी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के नवपदस्थ महाप्रबंधक तरूण प्रकाश का पहली बार कोरबा आगमन हुआ। अनेक अधिकारियों की टीम उनके साथ यहां पहुंची थी। उन्होंने एसईसीएल गेवरारोड स्थित अपनी कोल साइडिंग का जायजा लने के दौरान स्थानीय स्टेशन में चल रहे विकास कार्यों को देखा। प्राथमिकता के हिसाब से काम करने के निर्देश संबंधितों को दिए गए।
पूर्व जीएम नीतू इटिएरा के पिछले महीने सेवानिवृत्त होने के बाद रेल मंत्रालय ने जोन में तरूण प्रकाश को नया महाप्रबंधक नियुक्त किया। पदस्थापना के साथ में अपने क्षेत्राधिकार को समझने और उक्तानुसार कार्यों को बढ़ाने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में महाप्रबंधक का कोरबा दौरा हुआ। विशेष सैलून से वरिष्ठ अधिकारी कोरबा आने के साथ सबसे पहले गेवरारोड पहुंचे। उन्होंने अपनी कोल साइडिंग का विजिट अधिकारियों के साथ किया। कुसमुंडा इलाके से बड़ी मात्रा में कोयला का परिवहन रेलवे के द्वारा किया जा रहा है। आसपास में और भी साइडिंग निर्माणाधीन हैं जबकि अन्य से काम जारी है। देश की ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए कोयला की उपलब्धता कराने का दबाव कोल इंडिया पर है। परिवहन संबंधी व्यवस्था के लिए उसने रेलवे वसे करार किया है। निर्बाध रूप से यह काम चलता रहे इसके लिए समन्वय बनाया जा रहा है। महाप्रबंधक तरूण प्रकाश ने अपने कोरबा प्रवास के दौरान कोल साइडिंग का अवलोकन करते हुए अधिकारियों से आवश्यक मंत्रणा की और जनकारी भी हासिल की। साइडिंग के अवलोकन के साथ यहां से संबंधित मुद्दों की जानकारी उन्होंने प्राप्त की। बिलासपुर रवाना होने से पूर्व महाप्रबंधक कोरबा पहुंचकर यहां अमृत भारत स्टेशन के अंतर्गत चल रहे सौंदर्यीकरण, फुटओवर ब्रिज, प्लेटफार्म शेड विस्तार सहित कई कार्यों को भी देखेंगे। बताया गया कि सभी कार्यों की गुणवत्ता और यात्री हित में सहूलियत को लेकर भी उनका फोकस होना स्वाभाविक है।
अधिकारी के प्रवास को देखते हुए स्थानीय स्टेशन में चकाचक व्यवस्था की गई ताकि सबकुछ बेहतर दिखे। विभिन्न प्रकार से कार्यों के कारण कई तरफ अव्यवस्था भी मौजूद है और यह अधिकारी को लगातार अवगत कराया जा रहा है। रेल संघर्ष समिति की ओर से महाप्रबंधक को उनके प्रवास के अंतर्गत बड़ी संख्या में यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई गई सेकेंड एंट्री की तरफ आने वाले मुख्य मार्ग की दुर्दशा को ठीक कराने भी ध्यानाकर्षण कराया जाना है। काफी समय से इसे लेकर शिकायतें बनी हुई हैं। बार-बार जानकारी देने पर भी न तो रेल प्रबंधन कुछ कर रहा है और न ही एसईसीएल।