एक देश-एक चुनाव के लिए बनी जेपीसी में बदलाव अध्यक्ष के लिए भाजपा सांसद के नाम की चर्चा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद की संयुक्त समिति की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। समिति देश में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव वाले दो विधेयकों की समीक्षा करेगी। इस समिति के सदस्यों की संख्या 31 से बढ़ाकर 39 कर दी गई है। इससे अधिक दलों को प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। सरकार की ओर से प्रस्तावित लोकसभा सांसदों की सूची में अब शिवसेना (यूबीटी), सीपीआई (एम) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एक-एक सदस्य के अलावा भाजपा के दो और समाजवादी पार्टी के एक और सदस्य को शामिल किया गया है।
इस बीच बताया जा रहा है कि भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावनाओं पर विचार के लिए गठित जेपीसी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, महताब को संसद की संयुक्त समिति का अध्यक्ष बनाने पर विचार किया जा रहा है, जो एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव वाले दो विधेयकों पर विस्तार से विचार करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस महत्वपूर्ण समिति के अध्यक्ष का पद भाजपा को मिलना तय है। महताब का संसदीय अनुभव उनके पक्ष में जा सकता है। ओडिशा से सात बार लोकसभा सदस्य रह चुके महताब 31 सदस्यीय जेपीसी में शामिल हैं। इसमें अनुराग ठाकुर और पीपी चौधरी जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। सदन की कार्यसूची में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का प्रस्ताव शामिल है, जिसमें दोनों विधेयकों को एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव है। इस समिति में लोकसभा के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्य शामिल हैं।
समिति में शामिल होने के लिए प्रस्तावित नए लोकसभा सांसदों में भाजपा के बैजयंत पांडा और संजय जायसवाल, सपा के छोटेलाल, शिवसेना (यूबीटी) के अनिल देसाई, लोजपा की शांभवी और सीपीआई (एम) के के. राधाकृष्णन शामिल हैं। समिति दो विधेयकों पर चर्चा करेगी, जिसमें ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ से जुड़े विधेयकों की समीक्षा शामिल है। इसके अलावा संविधान में संशोधन करने वाले विधेयक की भी समीक्षा की जाएगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पीपी चौधरी के अलावा भाजपा से भर्तृहरि महताब और कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा भी पैनल के लिए प्रस्तावित लोकसभा सदस्यों में शामिल हैं। लोकसभा सदस्यों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 17 सदस्य हैं, जिनमें भाजपा के 12 सदस्य शामिल हैं।