नाला में गिरा सांड, कई घंटे कोशिश से बचाई जान
कोरबा 10 नवम्बर। सरकारी मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज के पास एक उद्यान के किनारे नाला में गिरे सांड को निकाल लिया गया है। इस काम में गौ सेवकों ने चार घंटे तक कोशिश की। बाद में एक हाइड्रा की सहायता ली गई। सांड को निकाले जाने से सभी ने राहत की सांस ली।
क्षेत्र के खुले नाले हादसों का दूसरा नाम भी बने हैं। इन नालों में आए दिन पशुओं के गिरने की घटनाएं हो रही हैं। बावजूद इसके संबंधित विभाग द्वारा नालों पर स्लैब लगाने का कार्य नहीं किया जा रहा। शहर की विभिन्न सामाजिक एवं गो संरक्षण संस्थाएं प्रशासन से गुहार लगा चुकी हैं। नालों में फंसे गोवंश को निकालने में भी प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं की जा रही। नगरीय निकाय कारणवश मरने वाले पशुओं को भी अपने स्तर पर उठाने का प्रयास नहीं करती। स्वयंसेवी संस्थाएं ही यह कार्य कर रही हैं। घंटाघर के समीप नाले खुले पड़े हैं। इन नालों पर निर्माण के बाद से ही स्लैब इत्यादि नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में यहां आए दिन पशुओं के गिरने की घटनाएं हो रही हैं।
घंटाघर बुधवारी मार्ग पर स्थित स्वर्गीय विशाहू दास दास स्मृति उद्यान के पास भी ऐसी घटना हुई। यहां एक सांड नाले में गिर गया। और बीते चार दिनों से नाले में ही विचरण कर रहा था नाले से बाहर निकलने में असमर्थ सांड को देख किसी राहगीर ने बाल गोपाल गौ सेवा समिति के सदस्यों को सूचित किया। गो सेवक अक्षत शर्मा अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत से 4 घंटे का रेस्क्यू कर हाइड्रा मशीन नाले में गिरे सांड को निकाला।