ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेंद्र द्वारा दीपावली मनाई गयी
कोरबा 01 नवम्बर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेंद्र द्वारा विश्व सदभावना भवन टी.पी नगर कोरबा मे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दिवाली मनाई गयी। इस अवसर पर नगर निगम कोरबा के महापौर भ्राता राजकिशोर प्रसाद, सी. ऍम. एच्. ओ कोरबा भ्राता डॉ. एस.एन. केशरी, नगर निगम कोरबा के पूर्व सभापति भ्राता अशोक चावलानी जी, जवाहर नवोदय विद्यालय कोरबा की अध्यापिका बहन शांति मोहंती, बी. के रुक्मणी दीदी, बी. के. बिंदु दीदी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम की सुरुआत अतिथियो द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
इस अवसर पर महापौर ने भी सभी को दिवाली की बधाई एवं शुभकामनाये देते हुए कहा की हमे लक्ष्मी नारायण जैसे समृद्ध बनना है और अपने अन्दर के भूतो को निकलना है। डॉ. केशरी जी ने कहा की ज्ञान के द्वारा हम सभी को संतुष्टि दे सकते है, दिवाली अर्थात जो हमारे जीवन मे दुखी और अशांत लोग है उनका हम ज्ञान के द्वारा सहयोग कर सके तथा हमे अपने अन्दर के विकारो को इस राजयोग के माध्यम से निकलना है। अशोक चावलानी ने कहा की आज सभी लोग लक्ष्मी जी की पूजा करते है लेकिन देखा जाए तो हमारे घर मे ही इतने सारे लक्ष्मी जी है अगर हम उन्ही की पूजा करे, आदर करे तो हमारे जीवन में कभी भी लक्ष्मी की कमी नहीं हो सकती है। इस अवसर पर बहन शांति मोहंती ने भी अपने भाव व्यक्त किये तपञ्च्चात बी.के बिंदु दीदी ने दिवाली का अध्यात्मिक रहस्य समझाते हुए बताया की दिवाली को रौशनी के त्योहार के रूप मे भी मनाया जाता है यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतिक है, इस दिन हम कोने कोने की सफाई करते है की कही भी कचरा ना रह जाए तो ऐसे ही परमात्मा हमे कहते है की सबसे पहले अपने मन की सफाई करनी है मन के किसी कोने में किसी आत्मा के लिए ईर्षा, नफरत, दुर्भाव, व्यार्भाव ऐसी अगर कोई भी भावना है तो पहले उसे अपने मन के अन्दर से निकालना है अर्थात मन की सफाई करनी है उसके लिए परमात्मा हमे बहुत सुन्दर ज्ञान दे रहे है जिसे अपने अन्दर धारण करने से हमारी मन की सफाई होती है जिससे हम सच्ची दीपावली का अनुभव करते है। बी. के. रुक्मणि दीदी जी ने अपने आशिर वचन द्वारा सभी को दिवाली की शुभकामनाये दी।
इस अवसर पर बी. के विरेश भाई ने अपने गीत के माध्यम से तथा बी. के. कमल भाई ने अपने नृत्य द्वारा सभी मे उमंग उल्लास भरा। कार्यक्रम के अंत में सभी अथिथियो एवं बी. के. बहनों द्वारा दीप जलाई गयी एवं अथिथियो को ईश्वरीय भोग दिया तथा सभा मे उपस्थित सभी लोगो ने भी दीप जलाकर अपने अन्दर के विकारो को निकलने का संकल्प लिया।