कोरबा के कनकी में बेदखली कार्रवाई, माफी मांगकर नौकरी बचाई बरपाली तहसीलदार ने

कोरबा जिले में राजस्व विभाग की कार्यशैली पर हाईकोर्ट ने चलाया चाबुक

बिलासपुर 23 सितम्बर। हाईकोर्ट बिलासपुर ने शाम को वाट्सएप में नोटिस भेजने के बाद सुबह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने वाले बरपाली तहसीलदार को जमकर फटकार लगाई और पूछा कि आप के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए? इसके बाद अधिकारी ने कोर्ट से गलती स्वीकार करते हुए एवं प्रोबेशन में होने का हवाला देते हुए क्षमा मांगी। कोर्ट ने अधिकारी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अधिकारी को भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने की चेतावनी देते हुए अतिक्रमण हटाने पर लगी रोक को आगे बढ़ाया है।

उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले के बरपाली तहसील के ग्राम कनकी निवासी नूतन राजवाड़े को गत 20 सितंबर की शाम 6 बजे के बाद बरपाली के प्रभारी तहसीलदार चंद्रशेखर चंद्रा ने वाट्सएप पर बेदखली नोटिस भेजा और 21 सितंबर की सुबह दलबल के साथ मौके में पहुंच कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी । इसके खिलाफ नूतन रजवाड़े ने अधिवक्ता रजनीश सिंह बघेल व चेतना शर्मा के माध्यम से अवकाश के दिनं शनिवार को याचिका पेश की। अवकाश के दिन जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की स्पेशल बेंच में सुनवाई की गई। कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाते हुए उत्तरवादियों को नोटिस जारी कर प्रभारी तहसीलदार चंद्रशेखर चंद्रा को व्यक्तिगत रूप से सोमवार को उपस्थित होने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर प्रभारी तहसीलदार बरपाली जस्टिस पी पी साहू की बेंच में उपस्थित हुए। कोर्ट ने अधिकारी से पूछा कि बरपाली से एसडीओ राजस्व कार्यालय की दूरी कितनी है। इस पर अधिकारी ने बताया 20 किलो मीटर दूर है। अपील खारिज होने की सूचना कब मिली? इस पर अधिकारी ने कहा कि शाम 6 बजे फोन से मिली थी। इस पर कोर्ट ने अधिकारी को जमकर फटकार लगाई और कहा कि क्या जैसा चाहेंगे वैसा करेंगे। कोर्ट ने पूछा आप के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए और क्यों कार्रवाई नहीं की जाए? इसके बाद अधिकारी ने गलती की बात स्वीकार कर माफी मांगी। कोर्ट ने अधिकारी के परीविक्षाधीन होने एवं उसके कैरियर को ध्यान में रखते हुए भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने की चेतावानी दी। इसके साथ कार्रवाई पर लगी रोक और यथास्थिति को बरकरार रखा है।

हाईकोर्ट की यह कार्रवाई कोरबा जिले में राजस्व विभाग की कार्यशैली पर चाबुक चलाने की तरह है। याद रहे कि इसी मामले में प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने गत माह राजस्व विभाग द्वारा भरी बरसात में नूतन राजवाड़े के खिलाफ बेजा कब्जा हटाने की कार्रवाई को गलत बताया था और कलेक्टर के सामने आ जाने पर जुता मारने की बात कही थी। इस पर कलेक्टर अजित वसन्त ने कोई टिप्पणी तो नहीं की थी, मगर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को सही ठहराया था और कहा था कि ऐसी कार्रवाई आगे भी की जाएगी। ताजा घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है कि तहसीलदार ने किसी दबाव के चलते रॉकेट की गति से कार्रवाई की होगी? वरना कोरबा का राजस्व विभाग तो आदेश के बाद भी महीनों तक सीमांकन और नामांतरण जैसी सामान्य प्रक्रिया भी नहीं करता। बहरहाल भविष्य में कोरबा के राजस्व अधिकारी इस घटना से सबक लेंगे, ऐसा माना जा रहा है।

आपको बता दें कि 21 सितम्बर को जिला प्रशासन ने इस सम्बंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बेजा कब्जा हटाने की जानकारी दी ही। प्रेस विज्ञप्ति के मूल पाठ इस प्रकार है-

कोरबा 21 सितम्बर 2024। जिले में शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने जिला प्रशासन द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज एसडीएम श्री सरोज महिलांगे और तहसीलदार की टीम द्वारा ग्राम कनकी में नूतन राजवाड़े द्वारा प.ह.न .03 राजस्व निरीक्षक मंडल बरपाली, तहसील बरपाली में न्यायालय तहसीलदार बरपाली के रा. प्र. क्रं. 202306052800020/अ-68/2022-23 पक्षकार छग शासन विरूद्ध नूतन राजवाड़े पिता होमशंकर राजवाड़े अंतर्गत अतिक्रमित लगभग पांच एकड़ शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया।

उल्लेखनीय है कि विगत कलेक्टर जनचौपाल में कोरबा विकासखण्ड के कनकी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा के सम्बंध में शिकायत की गई थी। कलेक्टर अजित वसंत ने ग्रामीणों की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए तहसीलदार बरपाली को उक्त प्रकरण की जमीनी स्तर पर जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे।

कलेक्टर के निर्देश के परिपालन में तहसीलदार बरपाली द्वारा प्रकरण की पूर्ण जांच कर शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने की कार्यवाही की गई। तहसीलदार द्वारा प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में सुनवाई की गई, जिसमें अनावेदक नूतन राजवाडे़ द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत सही पाई गई। तहसीलदार बरपाली ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 में निहित प्रावधान के तहत अनावेदक द्वारा लगभग 05 एकड़ शासकीय भूमि में किए गए कब्जे पर बेदखली की कार्यवाही करने एवं भूमि से अतिक्रमण को हटाने का आदेश पारित किया। जिसमें ग्राम कनकी के पटवारी हल्का नंबर 03 पर स्थित शासकीय घास मद की भूमि खसरा नंबर 1238/1 रकबा 0.288 हेक्टेयर व खसरा 1344/1 रकबा 6.844 हेक्टेयर के अंतर्गत 1.081 हेक्टेयर व 0.170 हेक्टेयर कुल 1.251 हेक्टेयर, इसी प्रकार शासकीय बड़े झाड़ के जंगल मद की भूमि खसरा नंबर 1344/3 रकबा 0.809 हेक्टेयर व खसरा नंबर 1345/1 रकबा 1.157 में से 0.134 हेक्टेयर व 0.069 हेक्टेयर, कुल 0.203 हेक्टेयर एवं खसरा नं. 1609 रकबा 14.165 हेक्टेयर अंतर्गत 0.152 हेक्टेयर सहित लगभग 05 एकड़ शासकीय भूमि पर सब्जी बाड़ी लगाकर किए गए अतिक्रमण पर बेदखली की कार्यवाही करते हुए 21 सितम्बर 2024 को एसडीएम, तहसीलदार और आरआई, पटवारी की टीम द्वारा ग्रामीणों की उपस्थिति में भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।

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