जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता हैः आचार्य मृदुलकांत
कोरबा 05 सितंबर। ब्रज मंडल वृंदावन के कथावाचक आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने कहां है कि जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है। विभिन्न युग में हमारे अवतारों ने इससे साबित किया है। भक्तों की पुकार पर उनकी रक्षा के लिए भगवान स्वयं उपस्थित हुए और वचन को निभाया।
कोरबा के ट्रांसपोर्ट नगर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय संस्कृतिक भवन आशीर्वाद पॉइंट में कबुलपुरिया परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मृदुलकांत शास्त्री ने यह बात कही। कथा प्रसंग के अंतर्गत उन्होंने बिंदुओं को रखा और बताया कि दुशासन और दुर्योधन जैसी आसुरी शक्तियों ने अपने पत्ते फेके और सज्जन शक्ति को परेशान करने का काम किया। यह सब दुष्ट आखिरकार पराजित हुए और भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर में अपने भक्तों की रक्षा करने के साथ साबित किया कि धर्म और सत्य के आगे दूसरी सभी चीज बौनी है। आचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने महाभारत युद्ध की परिस्थितियों को उधृत करते हुए यह भी कहा कि कौरव सेना की सफाये के बाद दूरर्योधन इस सोच में था कि पूर्वजों को तर्पण देने का कार्य आखिर कौन करेग? उस समय भी सबसे बड़ी चिंता और चिंतन इस बात को लेकर था सामान्य कारण के लिए युद्ध लड़े जाते हैं लेकिन इनके परिणाम घातक होते हैं और यह पूरी सभ्यता का विनाश कर देते हैं। इसलिए यथासम्भव विश्व को इनसे बचने की नितांत आवश्यकता है।
कबुलपुरिया परिवार के द्वारा पितृ मोक्ष हेतु आयोजित किए गए श्रीमद् भागवत कथा अंतर्गत आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने इहलोक और परलोक को अच्छा करने के लिए करणीय कार्य पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर भक्ति की शक्ति सहित कई प्रेरणादायी विषयों पर केंद्रित झांकियां भी निकाली गई, जिन्होंने अपना विशेष प्रभाव डाला। कथा श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में सनातन सनातन दजरमावलम्बी उपस्थित थे। आयोजको ने बताया कि 5 सितंबर को दोपहर 3.00 बजे से कथा प्रारंभ होगी और रात्रि 8 बजे तक चलेगी। सभी भक्तों से देवीय अनुष्ठान में उपस्थिति दर्ज करने का आग्रह किया गया है।