अडानी के कारिंदों की दादागिरी, यू- ट्यूबर के साथ मॉब- लिंचिंग की कोशिश
कोरबा 2 सितम्बर। हसदेव अरण्य को उजाड़ने में जुटे अडानी कंपनी के लोगों के हौसले बुलन्दी पर हैं। अब तो वे कोयला खदान का विरोध करने वाले लोगों के साथ साथ मीडिया को भी निशाने में लेने लगे हैं। इस ही एक वाक्य सामने आया है। सुपरिचित ट्रैवल यूट्यूबर दीपक पटेल (डीके 808) के साथ हसदेव के जंगल में माब लिंचिंग जैसी घटना होते होते रह गई। खुद को अडानी का आदमी बताने वाले 50-60 लोगों की भीड़ ने उन्हें लगभग एक घंटे तक बंधक बनाए रखा। यही नहीं उनका कैमरा और मोबाइल फोन छीन लिया, और पिछले दो महीनों में शूट किए गए सभी डेटा को डिलीट कर दिया। भीड़ ने उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की, लेकिन एक परिचित अधिकारी की मदद से पटेल वहां से बचकर निकलने में सफल रहे।
बिलासपुर पहुंचकर युट्यूबर दीपक पटेल ने इस घटना के बारे में जानकारी सार्वजनिक की और बताया कि वे पिछले दो महीनों से छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों की यात्रा कर रहे थे। जशपुर में कृष्ण जन्माष्टमी का दही हांडी कवर करने के बाद वे मैनपाट में दो दिन रुके थे और फिर बिलासपुर लौट रहे थे। लौटते समय, वे हरिहरपुर गांव पहुंचे, जहां घाटबर्रा, हरिहरपुर और आसपास के ग्रामीण कोयला खदान के लिए की जा रही कटाई के खिलाफ विरोध कर रहे थे।
ट्रैवल यूट्यूबर दीपक पटेल के साथ गरियाबंद की एक यूट्यूबर और संस्कार नगरी राजनांदगांव का एक ब्लॉगर भी थे। जब वे हरिहरपुर गांव में वीडियो शूट कर रहे थे, तब अचानक 50-60 लोगों की भीड़ कई गाड़ियों में वहां पहुंच गई। भीड़ ने उन्हें घेर लिया, जिनमें कुछ ने खुद को अडानी कंपनी का कर्मचारी और कुछ ने अपने को स्थानीय ग्रामीण बताया। उनके साथ पुलिस के कुछ जवान भी थे, जिनमें एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल थे।
ट्रैवल यूट्यूबर दीपक के अनुसार भीड़ ने उनका कैमरा और मोबाइल फोन छीनकर, उन पर सवालों की बौछार कर दी, जैसे – “कहां से आए हो?”, “बाहरी लोगों का आना मना है”, “बिना परमिशन क्यों आए हो?”, “खदान एरिया में क्यों घुसे?” और “एफआईआर दर्ज कराएंगे।”
यह घटना तब और गंभीर हो गई जब भीड़ ने मारपीट की धमकी देनी शुरू कर दी। हालांकि, पटेल एक परिचित अधिकारी की मदद से वहां से सुरक्षित निकलने में सफल रहे। उन्होंने इस घटना को लेकर Icon नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि इस तरह की घटनाएं ट्रैवल यूट्यूबर्स के लिए बेहद चिंताजनक हैं।