देर रात बस्ती में घुसा मगरमच्छ, जिंदा बकरे का किया डिनर

बिलासपुर. बीती रात बारिश की रिमझिम बूंदों के बीच रतनपुर थाने के ठीक पीछे स्थित तालाब से एक विशालकाय मगरमच्छ बस्ती में आ गया। पहले तो उसने जिंदा बकरे को अपना डिनर बनाया फिर बस्ती में घूमता रहा। वह तो भला हो थाने के दो जाबाज आरक्षकों का जो बारिश में भीगते हुए मौके पर पहुंच गए और वन विभाग के अमले से संपर्क कर घंटो रेस्क्यू के बाद मगरमच्छ को सुरक्षित खुटाघाट जलाशय में छोड़ दिया।

शुक्रवार की रात करीब 12 बजे गिरते पानी में रतनपुर के थाने के बगल गांधी नगर मौहल्ले में एक विशालकाय मगरमच्छ ने इंट्री ली. प्रत्यक्ष दर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार मगरमच्छ ने पहले एक घर में बंधे जिंदा बकरे पर हमला किया और उसे खा गया। मगरमच्छ का पेट इतना भर गया था कि वह ज्यादा देर चलने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा था. जैसे ही मगरमच्छ रोड के किनारे एक नाली पर लोगों को दिखा तो रतनपुर थाने में इसकी सूचना दी गई. बताया जा रहा है कि मगरमच्छ बकरे को खाने के बाद एक घर में घुसने का प्रयास कर रहा था। इससे पहले थाने के आरक्षक दीपक मेरावी और महादेव कुजूर रिमझिम बारिश में भीगते हुए मौके पर पहुंच गए और तत्काल वन विभाग के हमले से संपर्क किया. कुछ ही देर बाद वन विभाग के वन विभाग का अमला भी मौके पर आ गया और आरक्षको के साथ रात करीब 12:30 बजे से सुबह 4:00 बजे तक रेस्क्यू कर मगरमच्छ को सुरक्षित खुटाघाट जलाशय में छोड़ दिया।

कहां से आया मगरमच्छ, सस्पेंस

बताया जा रहा है कि रतनपुर थाने के ठीक पीछे कृष्णा अर्जुनी तालाब है और कुछ ही दूरी पर भीष्मा तालाब स्थित है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मगरमच्छ कृष्णा अर्जुनी तालाब से बस्ती में घुसा होगा। क्योंकि इससे कुछ दिन पूर्व भीष्मा तालाब में वन विभाग के अमले ने दो छोटे मगरमच्छों को पकड़ा था। अब इस मगरमच्छ के बस्ती में आने के बाद कई तरह की चर्चाए रतनपुर में हो रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर दोनों ही पुराने तालाबों में मगरमच्छों ने अपना ठिकाना बनाया है तो वहां के स्थानीय लोगों को जरा संभल कर तालाब का इस्तेमाल करना होगा।

कुछ नही करता मगरमच्छ

बड़े आश्चर्य वाली बात है लेकिन रतनपुर के स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार तालाब में नहाते समय मगरमच्छों को देखा है। अभी कुछ ही दिन पहले रतनपुर थाने की पेट्रोलिंग टीम ने खुटाघाट जलाशय में एक व्यक्ति को नहाते हुए देखा जिससे कुछ ही दूर पर मगरमच्छ भी था। जब पुलिस वालों ने उसे मगरमच्छ के होने की जानकारी देकर बाहर आने की बात कही तो उसने बताया कि रतनपुर के कुछ तालाबों में मगरमच्छ है लेकिन नहाते या अन्य कार्य करते हुए मगरमच्छ किसी को कुछ नहीं करते।

डीएफओ से नही हुआ संपर्क

इस घटना को लेकर डीएफओ सत्यदेव शर्मा से संपर्क किया और यह जानना चाहा कि अगर रतनपुर के तालाबों में मगरमच्छों की उपस्थिति है तो ऐसे में फॉरेस्ट विभाग स्थानीय लोगों को उससे दूर रखने क्या उपाय कर रहा है और उक्त मगरमच्छ बस्ती में किस रास्ते से आया होगा तो शर्मा ने अपना मोबाईल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में यह कहा जा सकता है वन विभाग किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है जिसके बाद लोगो के बचाव के उपाय किए जाएंगे।

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