लंबित वेतन और बोनस का भुगतान नही, बस स्टेशन को ठप्प करेंगे कर्मी
250 से ज्यादा कर्मचारियों ने वितरण कंपनी को चेतावनी दी
कोरबा 20 जून। सब स्टेशन के संचालन के काम से जुड़े 250 से ज्यादा कर्मचारियों ने वितरण कंपनी को चेतावनी दी है कि उनसे जुड़े मामलों में गंभीरता के साथ कार्रवाई की जाए। लंबित 6 महीने का बोनस का भुगतान जल्द नहीं किया जाता है तो वे सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। अधीक्षण अभियंता को इस बारे में पत्र दे दिया गया है।
छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग ठेका कर्मचारी कल्याण संघ ने अधीक्षण अभियंता को समस्याओं की जानकारी दी है। कहा गया है कि कर्मचारियों को पिछले दो महीने का वेतन और 6 महीने का बोनस अप्राप्त है जबकि पिछले 4 माह का इपीएफ और ईएसआई का रूपया भी जमा नहीं किया गया है। 33/11केवी सब स्टेशन ऑपरेट करने वाले कर्मचारियों की शिकायत है कि काफी समय से विलंब से वेतन मिलने का मामला जस की तस है। इसके लिए महाराष्ट्र की जेडीएस कंपनी जिम्मेदार है, जिसे सीएसईबी के द्वारा ठेका दिया गया है। कोरबा जिले के मामले में संबंधित कर्मचारियों का अभी भी दो महीने का वेतन रूका हुआ है। अरसे से इसी प्रकार का रवैया बना हुआ है। कई महीने काम लेकर एक महीने का वेतन देकर चुप कराने की कोशिश आॢथक और सामाजिक हितों पर कुठाराघात है। कर्मचारी कल्याण संघ ने कहा है कि उनके वेतन और बोनस का संपूर्ण भुगतान नहीं होने पर सामूहिक अवकाश पर जाना अंतिम विकल्प होगा और इस दौरान कोई काम नहीं होगा। संघ की ओर से उपाध्यक्ष मनहरण तिवारी ने आवेदन दिया है जिसमें कहा गया है कि तीन दिन के भीतर इस कार्यवाही को किया जाए वरना 22 जून से सब स्टेशन संचालन से जुड़ी हुई सेवाएं पूरी तरह से बाधित कर दी जाएंगी। ऐसी स्थिति में ठेकेदार और वितरण कंपनी सीधे तौर पर जिम्मेदार होगी। यह भी कहा गया है कि हर महीने 15 तारीख तक वेतन का भुगतान हो, यह काम करने की मानसिकता बिजली कंपनी और उसके ठेकेदार को बनानी होगी।
वर्तमान में जिले की जनता भारी गर्मी से ऐसे ही परेशान हैं उपर से मानसून सिर पर है। यानि एक समस्या हल होती भी है तो दूसरी चुनौती परेशान करने के लिए तैयार है। इन सबके बीच लोगों के लिए सबसे बड़ी जरूरत बिजली की है। पावर सिटी का तमगा कोरबा के पास है लेकिन बड़े हिस्से में जीव-जंतुओं का खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में अगर नाराज कर्मचारी सब स्टेशनों का काम ठप कर देते हैं तो संचालन और संधारण से जुड़ी कितनी दिक्कतें हो सकती है इसकी केवल कल्पना करने से ही सीएसईबी की उलझने बढ़ सकती है।
जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र की कंपनी जेडीएस ने कोरबा सहित जांजगीर-चांपा, रायगढ़, जशपुर, सारंगढ़ और रायपुर के अलावा कई जिलों में ठेका ले रखा है। करोड़ों का टर्नओवर दिखाकर यह सब काम किया है लेकिन कर्मचारियों का भुगतान कर पाने में उसका पसीना छूट रहा है। जशपुर जिले में तो कर्मचारी 6 महीने से वेतन के लिए तरस रहे हैं। इसकी टोपी उसके सिर वाले अंदाज में काम कर रही कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की मांग भी तेज हो गई है। पुणे की कंपनी को सब स्टेशन संचालन का कांट्रेक्ट मिला हुआ है। कर्मचारियों के भुगतान और अन्य सभी मुद्दों की जिम्मेदारी उसकी है। सीएसपीडीसीएल का उस पर नियंत्रण है। हर बार वेतन और बोनस भुगतान के मामले में समस्या क्यों आ रही है, इसके लिए पूछताछ की गई है। कर्मचारी संघ के ज्ञापन के सिलसिले में कंपनी को अवगत कराया गया है और उसे शीघ्र भुगतान करने को कहा गया है। अन्य स्थिति में कांट्रेक्ट बदलने की कार्रवाई की जाएगी।
पी.एल.सिदार, एसई, सीएसपीडीसीएल कोरबा