नगर निगम कोरबा के दो अधिकारीयों को एसीबी ने रिश्वत लेते पकड़ा
कोरबा 18 जून. भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके नगर निगम कोरबा के दो अधिकारीयों को एंटी करप्शन ब्यूरो ने आज छापामार कार्यवाही करते हुए रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए धर दबोचा है. उक्त अधिकारीयों द्वारा निगम में कार्यरत ठेकेदार से बिल पास करने के नाम पर रिश्वात माँगी गई थी. प्राथी ठेकेदार ने इसकी शिकायत ब्यूरो में की जिसके पश्चात आज दिनॉंक को ब्यूरो द्वारा निगम कार्यालय में ठेकेदार से रिश्वत लेते अधिकारीयों को रंगेहाथों पकड़ा गया है.
प्राप्त जानकारी अनुसार आरोपी डी.सी. सोनकर, सहायक अभियंता, दर्री जोन के द्वारा नगर निगम में प्रार्थी ठेकेदार द्वारा कराए गये निर्माण कार्य से सम्बंधित भुगतान राशि करीब 21 लाख रुपये को पास करने के एवज में भुगतान राशि का 2 प्रतिशत कुल 42000 रुपये रिश्वत मांगी गई थी. प्रार्थी द्वारा इस बात की शिकायत एसीबी बिलासपुर में की गई. शिकायत का सत्यापन कराए जाने पश्चात आरोपियों को रंगेहाथ पकड़ने योजना बनाई गई. इस बिच अरोपी सोनकर द्वारा 42000 की जगह 35000 रुपये लेने हेतु सहमती दी गई. जिसपर आज दिनांक 18.6.24 को एसीबी द्वारा जाल बिछाया गया और प्रार्थी ठेकेदार को रिश्वत के पैसे लेकर भेजा गया. प्रार्थी ठेकेदार जब अरोपी सोनकर को रिश्वत की रकम 35000 रुपये देने निगम कार्यालय कोरबा गया तो अरोपी सोनकर ने रिश्वत की रकम अपने उप अभियंता देवेंद्र स्वर्णकार को दर्री जोन कार्यालय में देने हेतु कहा गया. जिसपर प्रार्थी के द्वारा निगम के दर्री जोन कार्यालय जाकर रिश्वत के पैसे अरोपी देवेंद्र स्वर्णकार, उप अभियंता, नगर निगम को दी गई. आरोपी देवेन्द्र स्वर्णकार के द्वारा जैसे ही रिश्वत के पैसे लिए गये एसीबी की टीम ने रेड मारकर आरोपी को रंगेहाथ पकड़ लिया. एसीबी की टीम को देखते ही आरोपी उप अभियंता के होश उड़ गये और अपना गला बचाने उसने तत्काल इस रिश्वतकाण्ड के रचइता सहायक अभियंता डी.सी.सोनकर का नाम उगल दिया. आरोपी उप अभियंता ने स्वीकार किया की सोनकर के कहने पर ही वह ठेकेदार से रिश्वत ले रहा था. बहरहाल मामले में दोनों अरोपीयों को अभिरक्षा में लेकर उनके विरुद्ध धारा 7,12 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्यवाही की जा रही है.