आरक्षक के खिलाफ मारपीट का आरोप, कान का पर्दा फटा, पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर कड़ी कार्रवाई और मुआवजा दिलाने की मांग

कोरबा 28सितम्बर | “अपनी बड़ी बहन के वैवाहिक जीवन के विवाद से सम्बंधित सूचना पत्र की प्राप्ति के बाद अपनी माँ के साथ जानकारी लेने गए 20 वर्षीय भाई मोहन सिंह राजपूत के साथ महिला सहायता एवं परिवार परामर्श केंद्र में पदस्थ आरक्षक ओम प्रकाश निर्मलकर के द्वारा गाली-गलौच एवं अभद्र व्यवहार करते हुए मारपीट किया गया, जिससे मोहन सिंह राजपूत का बाएं कान का पर्दा फट कर क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे बचने के लिए उक्त आरक्षक के द्वारा उक्त चोट ग्रस्त मोहन सिंह राजपूत को पुलिस चौकी रामपुर ले जाकर 150 बार उठक बैठक लगाया गया तथा शिकायत करने पर झूठे मामले में फ़साने की धमकियाँ भी दी गई। मोहन सिंह राजपूत के द्वारा उक्त घटना के सम्बन्ध में चिकित्सीय प्रमाण पत्रों के साथ पुलिस अधीक्षक कोरबा सहित उच्च अधिकारियो को शिकायत किया जाकर आरक्षक ओम प्रकाश निर्मलकर के विरुद्ध अपराध दर्ज किये जाने एवं उससे क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु निवेदन किया गया है।”

विलम्ब से मिली जानकारी के अनुसार घटना दिनांक 03 /09/ 2020 की शाम लगभग 4 बजे तब मोहन सिंह राजपूत अपनी माँ श्रीमती राजकुमारी राजपूत के साथ महिला सहायता एवं परिवार परमर्श केंद्र, रामपुर पुलिस चौकी परिसर कोरबा पहुंचा तथा वहाँ उपस्थित लोगो से शिकायत के बारे में मोहन सिंह राजपूत की माँ पूछ-ताछ कर रही थी। तभी पीछे से अचानक ओम प्रकाश निर्मलकर पुलिस आरक्षक वहाँ पहुंचा तथा बिना वजह के मोहन सिंह राजपूत के बाएं कान पर एक जोरदार झापड़ मार दिया जिस पर मोहन सिंह राजपूत वही पर बेहोश होकर गिर पड़ा तथा मोहन सिंह राजपूत के कान से खून निकलने लगा। घटना का विवरण यह है कि दिनांक 03/ 09/ 2020 को दोपहर लगभग 3 बजे मोहन सिंह राजपूत की बड़ी बहन श्रीमती ज्योति राजपूत को महिला सहायता एवं परिवार परामर्श केंद्र कोरबा से नोटिस देने के लिए दो महिला आरक्षक एवं एक पुरुष आरक्षक ओम प्रकाश निर्मलकर मोहन सिंह राजपूत के घर बरमपुर दुरपा आये तथा मोहन सिंह राजपूत की बहन को नोटिस दिए। मोहन सिंह राजपूत के द्वारा नोटिस के बारे में पूछ-ताछ करने पर आरक्षक ओम प्रकाश निर्मलकर के द्वारा मोहन सिंह राजपूत की माँ एवं मोहन सिंह राजपूत के साथ दुर्व्यवहार किया गया तथा मोहन सिंह राजपूत को गिरफ्तार करने की धमकी देते हुए महिला सहायता एवं परिवार परामर्श केंद्र आकर जानकारी लेने के लिए कहा गया।
मोहन सिंह राजपूत की माँ के द्वारा विरोध किये जाने पर तथा मोहन सिंह राजपूत के कान से खून निकलने एवं मुह में सुजन आ जाने की वजह से मोहन सिंह राजपूत बोलने की स्थिति में नहीं था जिसे देख कर उक्त सिपाही ओम प्रकश निर्मलकर के द्वारा मोहन सिंह राजपूत को होश में लाकर पुलिस चौकी रामपुर ले गया तथा मोहन सिंह राजपूत से माँ-बहन की बुरी-बुरी गाली-गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए मोहन सिंह राजपूत को 150 बार उठक बैठक कराया गया जिससे मोहन सिंह राजपूत वही पर गिर पड़ा।
जानकारी के अनुसार मोहन सिंह राजपूत के गिरने के बाद पुलिस आरक्षक ओम प्रकाश निर्मलकर के द्वारा अपने बचाव में मोहन सिंह राजपूत के विरुद्ध कुछ लिखा पढ़ी किया गया तथा मोहन सिंह राजपूत का मोबाईल भी छीन कर रख लिया था। मोहन सिंह राजपूत के मामा श्री गोपी सिंह राजपूत को घटना की जानकारी मिलने पर वे पुलिस चौकी रामपुर पहुंचे तथा मोहन सिंह राजपूत को लेकर घर आ गए। मोहन सिंह राजपूत उक्त घटना से अत्याधिक सदमा की स्थिति में तथा अपने को अत्याधिक लज्जा एवं प्रताड़ित महसूस कर रहा था कि उसको बेवजह मारपीट कर प्रताड़ित किया गया है। मोहन सिंह राजपूत के कान से खून निकलने एवं मुह में सुजन आ जाने की वजह से मोहन सिंह राजपूत घर आकर सो गया।
दिनांक 04/09/2020 को सुबह से मोहन सिंह राजपूत को बुखार हो गया तथा मोहन सिंह राजपूत के कान से खून निकलने लगा जिसे देखकर घर पर ही मोहन सिंह राजपूत का इलाज कराया गया किन्तु मोहन सिंह राजपूत के बाएं कान का दर्द बढ़ने की वजह से तथा सुनाई ना देने के कारणवश जिला चिकित्सालय कोरबा में दिनांक 05/ 09/ 2020 को मोहन सिंह राजपूत ने अपना उपचार एवं परिक्षण कराया तो मोहन सिंह राजपूत को चिकित्सक के द्वारा बताया गया की मोहन सिंह राजपूत का बाएं कान का पर्दा फट गया है तथा आरक्षक ओमप्रकाश निर्मलकर के मारपीट से क्षतिग्रस्त हो गया है।
मोहन सिंह राजपूत के पिता स्व. श्री ओम प्रकाश सिंह राजपूत एस.ई.सी.एल. बांकी मोंगरा में मेकेनिकल हेल्पर के पद पर पदस्थ से जिनकी मृत्यु के पश्चात् मोहन सिंह राजपूत को अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त होना है जिस हेतु अतिशीघ्र मोहन सिंह राजपूत का शारीरिक परिक्षण एस.ई.सी.एल. द्वारा किया जाना है। पुलिस आरक्षक ओम प्रकाश निर्मलकर के कृत्य की वजह से मोहन सिंह राजपूत को स्थाई विकलांगता हो गया है।
मोहन सिंह राजपूत के द्वारा उसके साथ घटित घटना के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक कोरबा सहित पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियो को लिखित शिकायत किया गया है। बताया गया हैै कि शिकायत केे बाद आरक्षक ओम प्रकाश निर्मलकर के द्वारा अपने पदीय हैसियत का अनुचित लाभ लेते हुए मोहन सिंह राजपूत एवं उसके परिजनों को निरंतर परेशान एवं प्रताड़ित किया जा रहा है तथा मामला वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। मोहन सिंह राजपूत के द्वारा उक्त घटना के सम्बन्ध में चिकित्सीय प्रमाण पत्रों के साथ पुलिस अधीक्षक कोरबा सहित उच्च अधिकारियो को शिकायत किया जाकर आरक्षक ओम प्रकाश निर्मलकर के विरुद्ध अपराध दर्ज किये जाने एवं उससे क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु निवेदन किया गया है।

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