धान उठाव में लेटलतीफी करने वाले मिलर्स का पंजीयन निरस्त, किया जाएगा ब्लैकलिस्टेड
मुंगेली. जिले में धान उठाव की समय अवधि खत्म हो जाने के बाद भी धान का उठाव नहीं होने, शॉर्टेज की स्थिति निर्मित होने, शॉर्टेज की भरपाई और शॉर्टेज के लिए जिम्मेदार कौन हो सकते हैं, इसे लेकर जिला प्रशासनस गंभीर है. कलेक्टर राहुल देव ने धान उठाव नहीं कराने पर जिला विपणन अधिकारी शीतल भोई को नोटिस देकर जवाब तलब किया है. साथ ही संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर शेष धान के शीघ्र उठाव के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने कहा है कि लेटलतीफी करने वाले मिलर्स का पंजीयन निरस्त कर ब्लैकलिस्ट भी किया जाएगा.
जिले में धान उठाव में लेटलतीफी पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. कलेक्टर राहुल देव ने धान उठाव में लेटलतीफी करने वाले मिलर्स पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि धान उठाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लापरवाही करने वाले मिलर्स का पंजीयन निरस्त करते हुए उन्हें ब्लैकलिस्ट भी किया जाएगा.
राइस मिलरों का पंजीयन रद्द करने कलेक्टर ने लिखा पत्र
गौरतलब है कि जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 55 लाख 86 हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की गई थी, जिसका निराकरण अभी जारी है. लगभग 55 लाख क्विंटल से अधिक धान का उठाव किया जा चुका है. वहीं लगभग 86 हजार क्विंटल धान उठाव के लिए अभी भी शेष है. शत प्रतिशत धान उठाव के लिए कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय लगातार बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं. अधिकांश धान का डीओ रायपुर, राजनांदगांव और दुर्ग मिलर्स का कटा हुआ है. मिलर्स द्वारा जिले से धान उठाव करने में अनावश्यक लेट लतीफी और उदासीनता दिखाई जा रही है. बार-बार निर्देश दिए जाने के बाद भी रानी सती दुर्ग, आरएस फूड राजनांदगांव, बालाजी दुर्ग, गायत्री फूड राजनांदगांव, श्रद्धा राजनांदगाव, मोहन फ़ूड रायपुर, सतनाम फ़ूड रायपुर आदि मिलर धान का उठाव करने मे रुचि नहीं ले रहे थे. इस पर जिला कलेक्टर राहुल देव ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एमडी मार्कफेड को उक्त मिलरों का पंजीयन निरस्त कर ब्लैकलिस्टेड करने के लिए पत्र लिखा है.
बता दें कि जिले में धान के निराकरण में सहयोग नहीं करने और अनियमितता करने पर एक मिलर श्री श्याम राइस प्रोडक्ट बरेला के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया जा चुका है. साथ ही अब तक तीन खरीदी केंद्र गुरुवाइन डबरी, मदनपुर और अखरार के प्रभारियों पर भी एफआईआर दर्ज कराया जा चुका है.