जहरीले जंतु के दंश से हुई थी व्यापारियों की मौत.. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फ़ूड प्वाइजनिंग नहीं जहरीले जिव के काटने के निशान
कोरबा 26 मई। बीते शुक्रवार डिज्नीलैंड मेला के तीन दुकानदारों की मौत के मामले में मौत की वजह फ़ूड प्वाइजनिंग होने की प्रारंभिक तौर पर चर्चा थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस तरह का कोई लक्षण नहीं मिला। परीक्षण के दौरान मृतकों के शरीर में किसी जहरीले जीव के दंश के निशान मिले हैं।
इस संबंध में वाइल्डलाइफ टीम के प्रमुख स्नैक रेस्क्यूअर जितेंद्र कुमार सारथी ने बताया कि जिस क्षेत्र में मेला लगा है वहां के आसपास के इलाके कुआभट्ठा में अक्सर करैत मिलने की सूचना बस्ती वालों द्वारा दी जाती रही है और उन्होंने रेस्क्यू भी किया है। इस लिहाज से माना जा सकता है कि किसी करैत के दंश का यह तीनों सोते वक्त शिकार हुए हैं। इस तरह के दंश का लक्षण है कि पेट में तेज दर्द होता है और लगातार उल्टियां होने के साथ हॉर्ट ब्लॉकेज हो जाता है और मरीज की सांस थम जाती है। इन तीनों के मामले में भी कुछ ऐसा ही लक्षण ज्ञात हुआ है।
इधर मेला के संचालक कुलदीप वस्त्रकर ने बताया कि इस घटना के बाद उन्होंने सभी कर्मचारियों और दुकानदारों की सुरक्षा के लिए किसी को भी जमीन पर नहीं सोने देने की हिदायत दी है। इसके लिए बाजार से किराए पर टेबल मंगवा लिया गया है और सभी को कहा गया है कि वह ऊंचाई पर निर्मित स्टेज में ही रात्रि विश्राम करें और पूरी तरह से सावधानी भी बरतें। मेला स्थल के बाहरी क्षेत्र में चारों तरफ कीटनाशक दवा का छिड़काव भी कराया जा रहा है।
शुक्रवार रात का है घटनाक्रम
बताते चलें कि डिजनीलैंड मेला में एमपी निवासी समीर बेग और सुहैल बेग साड़ी की दुकान लगाते थे, जबकि प्रतापगढ़ यूपी निवासी अनिल कुमार पांडेय कपड़ा दुकान का संचालन करता था। शुक्रवार की रात तीनों भोजन उपरांत अपने दुकान में सोए हुए थे। इसी दौरान रात लगभग 3 बजे पेट दर्द के साथ उल्टी की शिकायत शुरू हो गई। घटना की जानकारी होने पर कर्मचारियों ने सुबह लगभग 5 बजे समीर और अनिल पांडे को मेडिकल कॉलेज अस्पताल दाखिल कराया, जहां इलाज के दौरान दोनों व्यवसायियों की मौत हो गई। इधर डिजनीलैंड मेले के भीतर दुकान में सो रहे सुहेल बेग की मौत हो चुकी थी। प्रारंभिक तौर पर बात सामने आई थी कि इन तीनों सहित दो अन्य ने रात में चिकन और अंडा की सब्जी के साथ खाना खाया था। माना जा रहा था कि फ़ूड प्वाइजनिंग के कारण इन तीनों की मौत हुई है जबकि दो लोग जो यह सब्जी खाए थे वह सुरक्षित हैं। कुल मिलकर यह पूरा मामला फ़ूड प्वाइजनिंग नहीं बल्कि जहरीले जीव के दंश का निकला।