जिले में संचालित है एक ऐसा बैंक जहां पैसे नहीं, लोगों को मिलती है रोटियां

कोरबा 19 मई। अभी तक आपने ऐसे बैंकों के बारे में सुना होगा जिसमें पैसों का लेनदेन किया जाता है, आज हम कोरबा शहर में संचालित एक ऐसे बैंक के बारे में बताने जा रहे हैं, जो जरूरतमंदों को दो समय भोजन प्रदान करता है, शहर के मुख्य मार्गों के किनारे, जलपान गृह के सामने कभी भिक्षुक व मानसिक रूप से अस्वस्थ लोग भोजन मांगते या फिर कूड़ेदान में खाने का सामान ढूंढ़ते नजर आते थे। लेकिन शहर में अब ऐसा नजर नहीं आता है, क्योंकि ऐसे जरूरतमंदों तक दिन के दोनों समय भोजन उपलब्ध कराने शहर में रोटी बैंक सेवा चल रही है।

दरअसल विगत कई वर्षों से शहर में मानव सेवा से जुड़ी संस्था छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसायटी रोटी बैंक सेवा चला रही है। संस्था के कार्यकर्ता दोनों समय सेवा कार्य में लगे रहते हैं। कोसाबाड़ी क्षेत्र से लेकर सीतामढ़ी क्षेत्र तक के लगभग 80 परिवार भी इनके साथ जुड़े हुए हैं। ऐसे परिवार की महिलाएं हर दिन दोनों समय स्वभाव से रोटी, चावल व सब्जी बनाकर संस्था को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए देती हैं। दोनों समय का भोजन एकत्रित कर कार्यकर्ता संस्था के सेवा आश्रम, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, साप्ताहिक बाजार के शेड सहित अन्य जगह पर मौजूद जरूरतमंदों तक पहुंचते हैं।

छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसायटी के प्रमुख राणा मुखर्जी, शहर में सड़क किनारे बेसहारा, भिक्षुक व मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को भोजन तलाशते देख रोटी बैंक सेवा की शुरुआत लगभग 5 साल पहले की थी। तब से अब तक नियमित रूप से दोनों समय दानदाताओं के घर से कार्यकर्ताओं द्वारा भोजन संग्रहण कर जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 200 लोग लाभांवित हो रहे हैं।

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