लापरवाही की वजह से बिजली बंद हुई तो अधिकारियों पर होगी कार्रवाई: पी दयानंद
कोरबा 11 अपै्रल। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनियों के अध्यक्ष एवं ऊर्जा विभाग के सचिव पी दयानंद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वितरण कंपनी के क्षेत्रीय प्रमुखों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि असावधानी के कारण बिजली आपूर्ति असामान्य रूप से बाधित रहने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। मरम्मत के लिए बिजली आपूर्ति बंद करने की सूचना उपभोक्ताओं को मीडिया के माध्यम से अनिवार्य रूप से दी जाए। ऐसा कोई भी कार्य जनता को विश्वास में लेकर किया जाए।
प्रदेश के कुछ स्थानों से बिजली की आंख .मिचौली की खबरों को गंभीरता से लेते हुए दयानंद ने बुधवार को विद्युत सेवा भवन रायपुर में एमडी सहित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थीए जिसमें क्षेत्रीय ईडी एवं मुख्य अभियंताओं को वीसी के माध्यम से जोड़ा गया। दयानंद ने क्षेत्रीय प्रमुखों से उनके क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की स्थिति की जानकारी ली। कुछ क्षेत्रों में अधिक शिकायतें पाए जाने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की एवहीं जहां न्यूनतम समय में रेस्पांस और सुधार की जानकारी मिलने पर तारीफ की। दयानंद ने मैदानी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि अपने फील्ड में लगातार दौरा करेंए उपभोक्ताओं और फील्ड स्टाफ के नियमित संपर्क में रहें । नियमित रखरखाव की निगरानी करते रहें और ब्रेक डाउन की स्थिति में फौरन सुधार सुनिश्चित करें। गर्मी की पीक डिमांड आना अभी शेष हैए इसलिए पूरी तरह सतर्क और सावधान रहें। इन दिनों लोड बढ़नाए आंधी.तूफान आना आम बात है पर उसका सही प्रबंधन करना हमारा कर्तव्य हैएइसमें किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दयानंद ने कहा कि दफ्तर और फील्ड में सामंजस्य का पूरा ध्यान रहे । उपभोक्ताओं की बिजली दफ्तरों में पूरी संजीदगी के साथ सुनवाई हो और समाधान मिलेए यह सुनिश्चित होना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यालय में एमडी पारेषण एवं वितरण आरके शुक्लाए ईडी भीमसिंहए संदीप वर्माए आरसी अग्रवाल एवं सीई आनंद राव आदि उपस्थित रहे।
दयानंद ने आम जनता से कहा कि बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में संबंधित निकटस्थ कार्यालय में शिकायत अवश्य करेंए लेकिन तोड़ .फोड़ जैसी हिंसक कार्रवाई नहीं करें। बिजली का अधिकतर वितरण. तंत्र खुले में होने के कारण मौसम से प्रभावित होता है । ब्रेक . डाउन की स्थिति में फाल्ट खोजने और सुधार का काम सुरक्षित व शांतिपूर्ण वातावरण में ही संभव होता है।