मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सोलर पेनल को अज्ञात चोरों ने किया पार
कोरबा 09 अप्रेल। जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। यहां अस्पताल परिसर में लगे सोलर उर्जा से चलने वाली पंप के पेनल को अज्ञात चोरों ने पार कर दिया। जिससे मरीजों व उनके परिजनों की परेशानी बढ़ गई है।
जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भीषण गर्मी के बीच इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजनों को शीतल व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने जगह जगह वाटर कूलर लगाए हैं, जिससे काफी हद तक लोगों को राहत मिली है। अस्पताल परिसर में बीते वर्ष सोलर प्लेट से चलने वाली सबमर्सिबल पंप लगाए गए थे। इसके लिए बकायदा दो पानी टंकी लगाया गया था। जिसका उपयोग परिजन निस्तारी के लिए करते थे। अस्पताल परिसर में कुछ लोगों के द्वारा पानी का दुरूपयोग किया जा रहा था, जिसे देखते हुए प्रबंधन ने पंप को बंद करा दिया था। इसके पेनल स्टोर रूप में रखा गया था। सोलर पंप के बंद होने से परिजनों को निस्तारी में परेशानी हो रही थी, जिसे प्रबंधन ने गंभीरता से लिया। प्रबंधन की ओर से बीते सप्ताह सोलर पंप को चालू करने निर्देश जारी किए थे।
अफसरों के निर्देश पर कर्मचारी टंकी के समीप ही पेनल लगाकर पंप को चालू करने की तैयारी कर रही थी। यह पंप चालू होता और मरीज के परिजनों को पानी मिलता, इससे पहले ही करीब दस हजार रूपए कीमती पेनल को ही चोरों ने पार कर दिया। इस बात की भनक तक किसी को नही लगी। खासबात तो यह है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा सुरक्षा की कमान कामथेन नामक एजेंसी को दी गई है। एजेंसी द्वारा निर्धारित पाइंट पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं, इसमें एक पाइंट घटनास्थल से महज कुछ कदम दूर है। यदि अस्पताल आने जाने वाले मरीज और उनके परिजनों की मानें तो बीते कुछ समय से बाइक सहित अन्य सामान चोरी की घटना बढ़ी है।
वहीं मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ अविनाश मेश्राम ने बीते दिनों सुरक्षा एजेंसी को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें अस्पताल व कॉलेज में तैनात सुरक्षाकर्मियों की आधार कार्ड नंबर सहित जानकारी मांगी गई थी। एजेंसी ने सिर्फ कॉलेज में तैनात सुरक्षाकर्मियों की सूची थमा दी। लिहाजा दूसरी बार नोटिस जारी करना पड़ा। इस नोटिस को सप्ताह भर बीत गए, लेकिन एजेंसी अपने कर्मचारियों की सूची नही दे सकी है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुरक्षा एजेंसी द्वारा श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। बताया जा रहा है कि नियम व शर्त के मुताबिक 8-8 घंटे के हिसाब से तीन पालियों में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जानी है। इसके विपरीत एजेंसी कर्मचारियों से 12 घंटे काम ले रही है जो निर्धारित समय से चार घंटे अधिक है। बीते दिनों कंपनी की ओर से 10 हजार 500 की दर से वेतन का भुगतान भी किया गया है।