मौसम में परिवर्तन, लेमरु सहित आसपास गांव में विद्युत आपूर्ति ठप
कोरबा 22 मार्च। मौसम में परिवर्तन के साथ तेज हवा चलने से जिल के ग्रामीण क्षेत्रों बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। सुधार कार्य में तत्पतरता नहीं बरते जाने के कारण लेमरु सहित आसपास दर्जन भर गांव में पिछले छह दिनों से अंधेरा पसर गया है। गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आपात बिजली व्यवस्था के लिए लगा सौर पैनल भी बदली के कारण काम नहीं कर रहा। अंधेरा होने के कारण शाम अथवा रात के समय में आने वाले मरीजों का का इलाज मोबाइल टार्च की रोशनी से किया जा रहा है।
तेज हवा, वर्षा और ओले गिरने जैसी विपरीत मौसमी संकट से जूझने के बाद लंबे समय से बिजली आपूर्ति बहाल नहीं होने का खामियाजा लेमरू क्षेत्र के ग्रामीणों को भुगना पड़ रहा है। परेशानी को छह दिन बीत गए हैं। इस समस्या से अवगत कराने के बाद भी बिजली विभाग ने व्यवस्था दुरुस्त करने यथोचित कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हलकी सी बूंदा-बांदी और हवा के झोंकों से क्षेत्र में बिजली बाधित होना आम बात है। लंबे से समय से बिजली बाधित रहने के बाद भी वितरण विभाग की ओर से औसत बिल ली जाती है। छह दिन से बिजली गुल होने के चलते लेमरू अस्पताल, सरकारी स्कूल, हास्टल मंडी में लाइट नहीं जल रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू मेें क्षेत्र 16 छोटे बड़े गांव के मरीज आश्रित हैं। अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण स्थल होने के बाद भी आपातकालीन बिजली सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। रात के समय प्रसव जैसे आपात स्थिति से निपटने खासी समयस्या होती है। बिजली आपूर्ति बाधित होने का हवाला देते हुए प्रसव कराने पहुंची महिलाओं को कोरबा मेडिकल कालजे अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। मरीज अथवा गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा सुविधा के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। यहां यह भी बताना होगा कि मौसमी परिवर्तन का सर्वाधिक असर पोड़ी उपरोड़ा विकास में हुआ है। मौसम खराब होने के पहले से ही कई स्थानों में लगे खंभों के तार व करंट तार में लंबे समय से सुधार नहीं की गई।
यही वजह है कि तेज हवा के झोंके बिजली खंभों से तार टूट कर जमीन पर गिर गए हैं। वितरण विभाग की ओर से सुधार कार्य में प्रगति नहीं लाए जाने के कारण पसान के आसपास के वनांचल गांवों में बिजली अभी तक बहाल नही हो पाई है।
सुदूर आदिवासी बाहुल्य विद्युत विहीन गांवों सौर पैनल से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की गई। आसमान में पिछले कई दिनों से बदली छाने की वजह से सूरज की रोशनी बराबर नहीं मिल रही और गांव में लगे सोलर पैनल भी मौसमी मार की भेंट चढ़ गई है। इस वजह से कारण लेमरु अस्पताल में चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में काफी दिक्कतें महसूस की जा रही हैं। इसके साथ ही लेमरु में रहकर क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे कर्मियों को बिना बिजली विहिन अव्यवस्था में निवास करने में भी दिक्कतें हो रही हैं।
इन दिनों बोर्ड और स्थानीय परीक्षाओं का दौर जारी हैँ। बिजली आपूर्ति बाधित से होने विद्यार्थियो को खासी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों को लालटेन के सहारे पढ़ाई करनी पड़ रही है। स्थानीय छात्रावसों में लगे सौर पैनलों ने भी काम करना बंद कर दिया है। छात्रावासों में पढ़ाई बाधित होने के कारण कई बच्चे घर से आना जाना कर परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। बताना होगा कि शाम होते ही पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूब जाता है। जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है।