पेट्रो पदार्थों पर वेट यथावत, हो रही उपभोक्ताओं की जेब हल्की
कोरबा 16 मार्च। अब जबकि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार काम कर रही है, तब नागरिकों को इस बात की प्रतीक्षा है कि पेट्रो पदार्थों पर वेट कब तक कम होगा। ऐसा होने पर डीजल-पेट्रोल की दरों में काफी कमी आ सकेगी और लोगों को राहत मिलेगी।
लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए दो दिन पहले केंद्र की ओर से डीजल-पेट्रोल की प्रचलित कीमत में 2 रूपए की कटौती की गई है। इससे छत्तीसगढ़ में ये पदार्थ 100 रुपए प्रति लीटर के स्तर पर आ गए हैं। इससे उपयोगकर्ताओं को बहुत ज्यादा राहत नहीं मिल सकी। विभिन्न स्थानों से लोगों की ओर से यही प्रतिक्रिया सामने आई है। इस बीच आज दोपहर बाद से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावशील होने की खबर है। इधर नागरिकों ने आवाज बुलंद की है कि कम से कम छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार को डीजल-पेट्रोल के मामले में लोगों को सहूलियत देने के लिए मूल्य वर्धित कर (वेट) का स्लैब कम करना चाहिए। लोगों का तर्क है कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय इसी मुद्दे को लेकर भाजपा ने कई बार प्रदर्शन किया और अपनी ओर से दलील दी कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार वेट कम नहीं कर रही है इसलिए डीजल-पेट्रोल की कीमत ज्यादा है। कई मुद्दों के चक्कर में नवंबर में संपन्न विधानसभा चुनाव में राज्य की कांग्रेस सरकार निपट गई और भाजपा को एक बार फिर से जनता की सेवा करने का अवसर दे दिया गया। नागरिक पुरानी चीजों को याद कराने में लगे हैं। वे चाहते हैं कि जनहित से जुड़े मामले में भाजपा सरकार को वेट का स्लैब कम करना होगा, ताकि वास्तव में लोगों को सहूलियत हो।