सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा 95 केंद्रों में कल से प्रारंभ

कोरबा 29 फरवरी। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा 1 मार्च से शुरू हो रही है। जिले में शिक्षा विभाग की ओर से परीक्षा के लिए तैयारी की गई है। 95 केंद्रों में 10वीं और 12वीं की कक्षा के विद्यार्थी परीक्षा देंगे। परीक्षा के दौरान अनुचित साधन का उपयोग रोकने के लिए प्रशासन ने अग्रिम प्रबंध किये हैं। प्रशासनिक अधिकारी के अलावा सुरक्षा कर्मी उडनदस्ते में अपनी भूमिका निभाएंगे और औचक कार्रवाई करेंगे।

बोर्ड के कार्यक्रम के अनुसार हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल की परीक्षाएं 1 और 2 मार्च से शुरू हो रही है। इसके लिए पिछले महीने कार्यक्रम जारी किया गया था। उक्तानुसार परीक्षार्थियों के नामांकन और अन्य संबंधित प्रक्रियाएं पूरी की गई थी। अगली कड़ी में रायपुर से प्राप्त गोपनीय सामाग्री को परीक्षा केंद्रों के नजदीकी पुलिस थाना और चौकी भेज दिया गया। परीक्षा दिवस को इन्हें प्राप्त किया जाएगा और परीक्षा केंद्र में इसका उपयोग सुनिश्चित होगा। शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि कोरबा जिले के पांच विकासखंडों में सरकारी और गैर सरकारी मिलाकर कुल 95 स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। बीत वर्ष की तुलना में मौजूदा संख्या कुछ ज्यादा है जो कई आधार पर आंकी गई और इसके औचित्य को स्पष्ट किया गया। दूरदराज के विद्यार्थियों को सहूलियत देने के लिए अब नजदीकी क्षेत्र में नए केंद्र खोले गए हैं। जिले में कुल परीक्षा केंद्रों में से 21 ऐसे भी हैं जो संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं। ऐसी स्थिति में यहां सुरक्षा के ज्यादा इंतजाम किये जाएंगे और उन कोशिशों को हतोत्साहित किया जाएगा जो निष्पक्ष और शांतिपूर्ण परीक्षा की प्रक्रिया को बाधित करते हैं। बताया गया कि सभी विकासखंडों के लिए अलग-अलग उडनदस्ता टीमें भी बनाई गई है जो प्रतिदिन औचक निरीक्षण कर परीक्षा केंद्रों की स्थिति को देखेगी। शिक्षा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उडनदस्ता मेें रखे गए हैं। ये सभी टीमें कलेक्टर के मार्गदर्शन में अपना काम करेंगे।

बीते वर्ष कोरबा जिले का परीक्षा परिणाम सबसे निराशजनक रहा। औसत परीक्षाफल भले ही बेहतर रहा लेकिन प्रदेश की प्रावीण्य सूची में हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षा में कोरबा जिले के किसी भी छात्र को स्थान नहीं मिला। इससे शिक्षा की गुणवत्ता का भी पता चलता है। नए सत्र की शुरुआत के साथ अधिकारियों ने इस पर न केवल चिंता जताई बल्कि अगले सत्र की तैयारी कराने के साथ शिक्षकों को कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाया जाए।

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