हड़ताल पर बैठे ग्रामीणों को पुलिस ने जबरिया उठाया
कोरबा 06 फरवरी। एसईसीएल की गेवरा माइंस में ओबी का काम कर रही कलिंगा कंपनी में नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर भूविस्थापित ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है। इस हड़ताल में शामिल 16 ग्रामीणों को कंपनी के इशारे पर दीपका पुलिस बीती रात जबरिया उठाकर थाने ले आई जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
बीते कुछ सालों से एसईसीएल के अधीन कई निजी कंपनी ने काम लिया है और एसईसीएल का ही मिट्टी व कोयला परिवहन का काम कर रही है । एसईसीएल ने स्थानीय ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण किया है । जिसके बदले में विस्थापित परिवार को रोजगार और बसाहट दिए जाने का वादा किया गया था । लेकिन जमीन अधिग्रहण होते ही एसईसीएल अपने वादों को पूरा करने के लिए आमने नही आ रही है। बल्कि निजी कंपनी के माध्यम से अपना काम को पूरा करवाते आ रही है । जिन खातेदारों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है उनमें से कुछ लोगो को ही नॉकरी दी है। बांकी अन्य खातेदारों को किसी न किसी प्रकार की खामियां बता कर निजी कंपनी में काम दिलाये जाने का वादा किया था। आज कंपनियों को एक दो साल से अधिक का समय हो गया है विस्थापित परिवार को अब तक नॉकरी नही मिल पाई है जिसकी मांग को लेकर आये दिन विस्थापित परिवार कंपनी के काम मे बाधा डालने और अपनी नॉकरी के लिए आंदोलन का रुख अपनाती आ रही है । उसके बाद भी विभाग की ओर से किसी प्रकार की पहल नही की जा रही है। उल्टे आंदोलन करने वालों पर सख्ती बरती जा रही है। उन्हें प्रताडि़त करने की नीयत से उल्टा पुलिस के सुपुर्द किया जा रहा है।
ऐसे ही गेवरा कलिंगा निजी कंपनी में सोमवार को कुछ परिवार जिनकी जमीन एसईसीएल ने अधिग्रहण हुई है। उन्हीं परिवार के लोगों ने नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन किया था। आंदोलनकारियों की मांग को पूरा करने की बजाए 16 लोगों को रात 11 बजे दीपका पुलिस की मदद से जबरिया उठा लिया गया। जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।