कोरबा 09 जनवरी। अरसे बाद जिले में एक नए रेत घाट के संचालन की स्वीकृति खनिज विभाग को प्राप्त हुई है। निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण कर चुइया रेत घाट शुरू कर दिया गया है। इसके लिए रॉयल्टी पर्ची भी जारी कर दी गई है पर साथ में इस शर्त के साथ स्वीकृति प्रदान की गई है कि इस रेत घाट में उत्खनन और लोडिंग का कार्य मशीनों से नहीं, बल्कि मेन्युअल ही करना होगा। बहरहाल रेतघाट की स्वीकृति से जरूरत के विपरीत सीमित सुविधा में वृद्धि से लोगों को कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।

निर्माण कार्यों की जरूरत और अपेक्षाकृत सुविधा कम होने के चलते जिले में रेत की चोरी और मनमाने तरीके से परिवहन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। एक अरसे से यह खेल चलता आ रहा है। रेत तस्करों की गतिविधियों के कारण अधिकृत रेट घाट चल नहीं पा रहे हैं और ऐसी स्थिति में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए संबंधित लोगों को कई गुना ज्यादा कीमत पर रेट प्राप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस समस्या से लोगों के लिए राहत की जुगत करते हुए अब जाकर खनिज विभाग ने रेट की आपूर्ति को सुगम और सरल करने की दिशा में ध्यान दिया है। खनिज विभाग के अनुसार पांच स्थान पर रेत घाट शुरू करने की योजना है। चार रेत घाटों के लिए अनुबंध संबंधित प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, जिसमें से एक चुइयां का रेत घाट अब शुरू हो गया है। शेष चार में भी प्रक्रिया यथाशीघ्र पूर्ण कर लिए जाने की बात कही जा रही है। जिसके बाद लोगों को परेशानियों से रात मिल सकेगी।

रॉयल्टी की सुविधा देने का काम खनिज विभाग करने जा रहा है। जिन अन्य स्थानों से लोगों को सुविधा प्राप्त होगी उनमें से दो रेट घाट शहर के पास ही हैं। कोरबा में खासकर अवैध रेत उत्खनन-परिवहन और राखड़ के अव्यवस्थित निपटान को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। रेत के साथ-साथ बिजली घरों से निकलने वाले राखड़ को मनमाने ढंग से डंप करने और इससे लोगों को हो रही परेशानी का मामला तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की भोपाल पीठ तक पहुंच चुका है।

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