हिट एंड रन कानून का विरोध: जिले में वाहन सेवा हुई बहाल, स्थिति सामान्य मिली राहत

प्रशासन व पुलिस की कोशिशों का रहा योगदान

कोरबा 03 जनवरी। केंद्र सरकार के द्वारा लिये गए फौरी निर्णय से ट्रांसपोटर्स और ऑपरेटर्स को आखिरकार बैकफुट पर आना पड़ा। हड़ताल पर जाने की योजना हासिए पर चली गई। 7 जनवरी को होने वाली हड़ताल का भी दम निकल गया। इधर सभी तरह के वाहनों के सडक पर लौटने के साथ सेवाएं बहाल हो गई। चौतरफा स्थिति सामान्य होने से राहत महसूस की जा रही है। यह बात अलग है कि 24 घंटे भारी वाहनों के नहीं चलने का हवाला देते हुए सब्जी और रोजमर्रा की चीजें उपलब्ध कराने वालों ने मजा मार लिया। अब वे कुछ दिन तक इसकी आड़ में मोटी कमाई का सपना देख रहे हैं।

हिट एंड रन कानून का विरोध करने के साथ विभिन्न क्षेत्रों के साथ कोरबा में सबसे पहले डीजल-पेट्रोल टैंकर और उसके बाद कोयला परिवहन में लगे वाहनों के चालकों ने हड़ताल की। हवाला दिया कि नया कानून उनके लिए मुसीबत वाला है। यहां-वहां प्रदर्शन करने के कारण अन्य वस्तुओं का परिवहन करने वाले चालकों को असुविधा हुई और उन्होंने भी सेवाएं जारी रखने में असमर्थता जताई। पूरी जानकारी के अभाव में यात्री परिवहन और स्कूलों में चलने वाले वाहनों पर भी इसका असर पड़ा। उच्च स्तर से चीजों को समझाने के लिए अभियान शुरू हुआ। जिले में कलेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक और दूसरे अधिकारियों ने लगातार ट्रांसपोटर्स से लेकर चालकों के साथ बैठक की। कुछ ही घंटों में लोगों को समझाना संभव हुआ। नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव ने ऐलान किया कि हिट एंड रन कानून को फिलहाल लागू नहीं किया जा रहा है। बात यहां से खत्म हो गई और हड़ताल करने वाले के साथ-साथ इसे आगे ले जाने वाले ठिठक गए। रात से ही वाहनों का दौडना शुरू हो गया। आज सुबह स्कूल बसें भी चलीं ओर यात्री बसें भी। कोयला से लेकर फ्लाईएश परिवहन करने वाले वाहनों को भी रफ्तार होते देखा गया। आवश्यक वस्तुओं की खेप भी बाजारों में पहुंची। इन सबसे कुल मिलाकर राहत हुई। इस दौरान पिछले परिस्थितियों पर चर्चा हुई और माना गया कि सरकार की रणनीति भी गजब की है। इन सबके बीच कोरबा के बाजार में सब्जियों की कीमतों को दो दिन की तुलना में काफी बढ़ा हुआ पाया गया। कारोबारियों का तर्क है कि आवश्यकता के अनुरूप आपूर्ति नहीं हुई है इसलिए कीमतें ज्यादा है। मांग और पूर्ति का तालमेल होने के साथ कीमतें जमीन पर आएंगी ही लेकिन तब तक ब्लैक मार्केटिंग करने वालों को चांदी काटने का मौका तो मिलेगा ही।

एक दिन पहले ही निर्णय लेकर जिले भर में ऑटो सेवाएं बाधित करने का ऐलान ऑटो संघ ने किया था। ट्रक ड्राइवर्स के समर्थन में यह निर्णय लिया गया। इस मामले में कई दलीलें दी गई। जबकि गोपनीय तरीके से यह हल्ला भी किया गया कि अगर सडक पर ऑटो चलते हुए पाए गए तो संबंधित चालक पर 500 रुपए की पेनाल्टी करने के साथ उसे एक सप्ताह के लिए स्टैंड में खड़ा नहीं होने दिया जाएगा। शाम को ही हड़ताल रद्द होने के कारण ऑटो संघ का यह दांव काम नहीं आया। दूसरी ओर प्रशासन व पुलिस की ओर से की गई कोशिशों का भी अपना योगदान रहा। जिसके अंतर्गत उन्होंने हड़ताल कर रहे और इस तरफ जाने की योजना बनाने वालों संवाद किया। एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बस ऑपरेटर्स के साथ-साथ ट्रांसपोटर्स से चर्चा की। उन लोगों को बेहद आसान तरीके से बताया गया कि प्रस्तावित कानून क्या है और इस पर अमल करने के क्या फायदे होंगे और दूसरी स्थिति में दिक्कतें कैसे हो सकती है।

Spread the word