किसके सर सजेगा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद का ताज ?
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त होने के बाद अब सी एम चेहरे को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है। एसटी, ओबीसी, जनरल, महिला, पुरुष वर्ग सहित कई नामों को हवा में उछाला जा रहा है, मगर इन चर्चाओं के पीछे कोई आधार नहीं है। सच तो यह है कि भाजपा में उस सर्व स्वीकार्य नेता की ताजपोशी सी एम के पद पर की जाएगी, जो पांच साल की सत्ता को पच्चीस साल के लिए स्थायी बना दे।
भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री के चेहरे का अनुमान लगाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कथन पर गौर करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास को अपना ध्येय वाक्य बनाया है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ की बागडोर पार्टी के ऐसे नेता के हाथ में सौंपना चाहेंगे, जो भाजपा के सभी नेताओं, अनुषांगिक संगठनों, सभी वर्गों- समुदायों को साथ लेकर, सबका विश्वास जीतकर और सबको सामूहिक रूप से प्रदेश के विकास के लिए प्रयास करने हेतु प्रेरित कर सके।
अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उसे वक्तव्य पर विचार करते हैं, जो उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है- “चुनावी नतीजों ने साबित कर दिया है कि तुष्टीकरण और जाति की राजनीति के दिन लद गए हैं। लोगों के दिलों में सिर्फ और सिर्फ पीएम मोदी हैं। भाजपा की प्रचंड जीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की कल्याणकारी नीतियों और सुशासन पर जनता की मुहर है। मध्य प्रदेश में पार्टी ने सत्ता बरकरार रखी है तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को उखाड़ फेंका है।”
अब बात करते हैं छत्तीसगढ़ के नागरिकों के तासीर की। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक छत्तीसगढ़ में अनेक विभिन्नता के बावजूद समान रूप से एक साम्यता यह है कि यहां के निवासी सहज, सरल, सौम्य और सह अस्तित्व के समर्थक हैं। आम छत्तीसगढ़िया ना तो स्वयं किसी को प्रताड़ित करने का पक्षधर होता है और ना ही प्रताड़ना सहने का। वह स्वयं के लिए जितनी सुख- सुविधा की अपेक्षा करता है, उतनी ही सुख सुविधा की कामना समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए करता है। कहना ना होगा कि भारतीय जनता पार्टी का, मुख्यमंत्री चयन का आधार छत्तीसगढ़ की सोच के अनुरूप ही होगा।
गौर करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और आम छत्तीसगढ़िया की सोच की दिशा एक ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नए भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए जो चार सूत्र हैं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कथन भी बदले हुए शब्दों में वही है और छत्तीसगढ़ की जनता का मूल स्वभाव भी वही है। ऐसे में हम सहज ही समझ सकते हैं,कि भाजपा का मुख्यमंत्री कैसा होगा।
बात करें भाजपा में मुख्यमंत्री पद के योग्य विधायकों की, तो सभी वर्गों- समुदायों के एक से अधिक नेता विधायक चुने गए हैं। परंतु योग्यता के अलावे शासन चलाने का प्रदीर्घ अनुभव भी आवश्यक है। इस लिहाज से देखा जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भाजपा हाईकमान की पहली पसंद बन सकते हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के नाम पर भी पार्टी आलाकमान विचार कर सकता है।
छत्तीसगढ़ भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल भी मुख्यमंत्री चयन के मापदंड पर खरे उतरते हैं। अखंड मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा मंत्रिमंडल के युवा तुर्क सदस्य रहे बृजमोहन अग्रवाल आठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं और छत्तीसगढ़ भाजपा विधायक दल के सबसे अधिक वोट से जीतने वाले सदस्य हैं। चुनाव प्रबंधन में इन्हें महारत हासिल है। भाजपा शासन काल में हुए उपचुनावों में इनके ही संचालन में पार्टी जीत हासिल करती रही है। इन्हें दीर्घ प्रशासनिक अनुभव भी है। मुख्यमंत्री के रूप में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और सांसद एवं नवनिर्वाचित विधायक गोमती साय पर भी भाजपा नेतृत्व विचार कर सकता है।
बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी को मुख्यमंत्री का चयन करते वक्त आगामी एक वर्ष में होने वाले लोकसभा, नगरीय निकाय, पंचायत और कोऑपरेटिव के चुनावों को भी सामने रखकर निर्णय लेना होगा।