कोरबा व कटघोरा में खिला कमल फूल
जयसिंह को परास्त कर लखनलाल देवांगन ने हासिल की जीत
कोरबा 04 दिसम्बर। जिले के चार विधानसभा में पिछले 15 साल से तीन पर कांग्रेस का कब्जा रहा है, पर वर्ष 2023 के हुए चुनाव में यह मिथक टूट गया। इस बार दो विधानसभा कोरबा व कटघोरा में भारतीय जनता पार्टी का कमल फूल खिल गया है। वहीं रामपुर में भाजपा के दिग्गज नेता ननरीराम को परास्त कांग्रेस के फूलसिंह ने अपना फूल खिला दिया है। गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) ने भी 20 साल वापसी की है। बेहद अहम तो यह है कि लीडिंग चारों विधायकों को वापस कुर्सी नहीं मिल सकी।
वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए कोरबा विधानसभा प्रारंभ से ही शहरी क्षेत्र होने के कारण हाई प्रोफाइल रहा है। यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता जयसिंह अग्रवाल लगातार तीन बार के विधायक रहे। वर्ष 2018 में उन्होंने भाजपा के विकास महतो को करीब 11 हजार वोटों से परास्त किया था। इस बार पूरे राज्य में सत्ता विरोधी लहर का असर देखने को मिला और भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन ने पहले राऊंड से ही बढ़त हासिल की और यह अंतिम राऊंड तक बनी रही। वहीं कटघोरा विधानसभा में प्रारंभ में कांग्रेस के पुरूषोत्तम कंवर आगे रहे, पर बाद में पिछड़ गए और आखिर में भाजपा के नए चेहरे प्रेमचंद पटेल के पक्ष में परिणाम चला गया। उधर आरक्षित रामपुर विधानसभा सीट से भाजपा के निवृतमान विधायक व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर को पराजय का सामना करना पड़ा है। उन्हें कांग्रेस के नए चेहरे फूलसिंह राठिया ने परास्त किया। जबकि आरक्षित पाली- तानाखार विधानसभा सीट से राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की दुलेश्वरी सिदार व भाजपा के रामदयाल उइके को हार का मुंह देखना पड़ा। यहां से गोंगपा के तुलेश्वर सिंह मरकाम ने अपना परचम लहराया है।
जिले समेत प्रदेश में हाई प्रोफाइल बनी कोरबा विधानसभा सीट पर इस बार सभी लोगों की नजर थी। यहां प्रारंभ से कांग्रेस व भाजपा के बीच कांटे की टक्कर व अंडरकरंट होने का बात कही जा रही थी। मतदान तक मतदाताओं ने चुप्पी साधी रखी और उसके बाद मुंह खोलने लगे, पर कांग्रेस की जीत का दावा करते रहे। सुबह से ही मतदाताओं में मतगणना को लेकर उत्सुकता बनी रही। सबसे पहले डाक मत पत्र की गिनती हुई और इसमें भाजपा ने बढ़त बनाई। इसके बाद ईवीएम खुलने के बाद भी यह बढ़त कायम रही और प्रत्येक चरण में जीत का आंकड़ा बढता गया और आखिर में भाजपा के लखनलाल देवांगन ने 25,629 मतों से जीत हासिल की। इस सीट से आम आदमी पार्टी ने अपने प्रत्याशी के रूप में विशाल केलकर को मैदान में उतारा था, पर उन्हें मात्र 4646 मत मिल सके। यहां बताना होगा कि परिसीमन के गठित कोरबा विधानसभा में वर्ष 2008 से जयसिंह अग्रवाल चुनाव जीतते रहे और उन्होंने भाजपा के बनवारी लाल अग्रवाल, जोगेश लांबा व विकास महतो को पराजित किया था।
अभ्यर्थी- पार्टी- मिले मत
लखनलाल देवांगन- भाजपा- 92029
जयसिंह अग्रवाल- कांग्रेस- 66400
इं विशाल केलकर- आप- 4646
धनजंय चंद्रा- बसपा- 2380
सुनील सिंह- भाकपा- 849
पुरनलाल साहू- जकांछ-336
पाली- तानाखार विधानसभा चुनाव में प्रत्येक बार कांग्रेस, भाजपा व गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के मध्य त्रिकोणीय मुकाबला रहता है। इस बार भी यही स्थिति निर्मित रही। इसके बावजूद कांग्रेस व गोंगपा के बीच कांटे की टक्कर रही। मतगणना के दौरान प्रारंभ में गोंगपा के तुलेश्वर सिंह मरकाम ने बढ़त बनाना शुरू किया। कई राऊंड तक गोंगपा की बढ़त रही, पर आंकड़ा चार अंक में ही सिमटा रहा। इस बीच कांग्रेस दुलेश्वरी सिदार ने दो राऊंड में बढ़त बनाई और गोंगपा से आगे हो गई। कुल 23 में 22 राउंड पूरा हुआ तो कांग्रेस मात्र 91 मत से आगे थी, पर 23 वें राउंड में गोंगपा ने 537 वोट आगे रही। इस पर कांग्रेस प्रत्याशी दुलेश्वरी ने आपत्ति जाहिर कर पुनरू मतगणना कराया। इसके बाद 715 वोट से गोंगपा के तुलेश्वर मरकाम को विजयी घोषित किया गया। यहां बताना होगा कि गोंगपा सुप्रीमों हीरासिंह मरकाम के निधन उपरांत पहली बार हुए चुनाव में पुत्र तुलेश्वर को सहानुभूति मत भी प्राप्त हुए।
अभ्यर्थी- पार्टी- मिले मत
तुलेश्वर सिंह मरकाम-गोंगपा- 60862
दुलेश्वरी सिदार- कांग्रेस- 60148
रामदयाल उइके- भाजपा- 46522
छत्रपाल सिंह कंवर- जकांछ- 5053
रामपुर विधानसभा सीट के विधायक व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर का सांतवी बार विधायक बनने का सपना टूट गया। पिछली बार जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से चुनाव लड़ कर पुनरू कांग्रेस में आए फूलसिंह राठिया ने 22859 मतों से जीत हासिल की। राठिया को 93647 मत मिले। जबकि ननकीराम को 70788 मतों से संतोष करना पड़ गया। अंतिम बार चुनाव लड़ने की अपील करते हुए ननकीराम कंवर मैदान में उतरे थे। उम्मीद जताई जा रही थी कि क्षेत्र के मतदाताओं से उन्हें सहानुभूति वोट मिल जाएगा और विधायक बन सदन तक पहुंच जाएंगे, पर मतदाताओं से सहानुभूति नहीं मिल सकी। कंवर को अब पांच साल इंतजार करना पड़ेगा। इस सीट से नौ प्रत्याशी मैदान में उतरे थे, पर सभी प्रत्याशी चार अंक के आंकडे के अंदर ही सिमट गए।
अभ्यर्थी- पार्टी- मिले मत
फूलसिंह राठिया- कांग्रेस- 93647
ननकीराम कंवर- भाजपा- 70788
जगतराम राठिया- बसपा- 2591
बलराम राठिया- जकांछ- 2574
कटघोरा विधानसभा क्षेत्र का परिणाम इस बार अप्रत्याशित रहा। पांच साल तक सक्रिय रहे पुरूषोत्तम कंवर को उम्मीद थी कि उन्हें भाजपा नया चेहरा पराजित नहीं कर सकेगा। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता व उनके पिता बोधराम कंवर के सहयोग से इस सीट पर जीत हासिल कर लेंगे। सर्वे में भी कांग्रेस की जीत बताई जा रही थी,पर मतदाताओं ने रिपोर्ट को पलट दिया। मतगणना शुरू होने के साथ ही भाजपा के प्रेमचंद पटेल ने बढ़त बनाना शुरू कर दिया और प्रत्येक चरण में आंकड़ा बढ़ता गया, जो अंतिम राउंड तक जारी रहा। स्थिति यह रही कि एक भी राउंड में कांग्रेस को बढ़त नहीं मिल सकी। इस सीट से मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ व भू-विस्थापितों का अगुवाई कर रहे प्रत्याशी भी मैदान में उतरे थे। इससे परिणाम रोचक आने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और उक्त तीनों प्रत्याशी पांच अंक का आंकड़ा भी छू नहीं सके।
अभ्यर्थी- पार्टी- मिले मत
प्रेमचंद पटेल- भाजपा- 73680
पुरूषोत्तम कंवर- कांग्रेस- 56780
सत्यजीत कुर्रे- बसपा- 4900
सुरेंद्र राठौर- सोनू- 4507
चंद्रकांत डिक्सेना-आप- 3149
जवाहर सिंह कंवर माकपा-2535
सपुरन कुलदीप- जकांछ-1327
कोरबा विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लखनलाल देवांगन नामक व्यक्ति भी मैदान में उतरा था, ताकि भाजपा के लखनलाल देवांगन का वोट काटा जा सके। क्षेत्र की जनता ने इस लखनलाल को पूरी तरह नकार दिया। निर्दलीय लखनलाल को केवल 137 मतों से संतोष करना पड़ा। नाम वापसी के वक्त भाजपा द्वारा दबाव बनाने के भय से निर्दलीय लखनलाल भूमिगत हो गए थे। इससे नाम वापसी नहीं हो सकी, पर चुनाव परिणाम में भाजपा को इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। प्रत्याशी पसंद नहीं आने पर निर्वाचन विभाग द्वारा नोटा की व्यवस्था ईवीएम मशीन में की गई थी, ताकि मतदाता अपना मत का उपयोग कर सके। लेकिन जिले की चारों विधानसभा सीट में नोटा के प्रति लोगों ने ज्यादा रूचि नहीं दिखाई। कोरबा विधानसभा में 972 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया, तो पाली-तानाखार में 3557, कटघोरा में 1462 तथा रामपुर में 2497 मतदाताओं ने नोटा में अपना वोट डाला।
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गत नेता, पूर्व गृहमंत्री व निवृतमान विधायक ननकीराम कंवर ने चुनाव के शुरूआती दौर में ही राज्य में भाजपा की छत्तीसगढ़ में सरकार बनने का दावा कर दिया था। उन्होंने यहां कह दिया था कि यदि भाजपा की सरकार नहीं बनी, तो वे राजनीति के सन्यास ले लेंगे। उनका दावा सही निकला है और राज्य में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। यह अलग बात है कि 80 वर्ष के हो चुके ननकीराम खुद अपने रामपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं। इसके बाद पांच साल बाद चुनाव होना है, ऐसे में पार्टी अब उन्हें शायद मौका न दे।