मदकूद्वीप में शिवनाथ पूजन एवं दीपदान महोत्सव का हुआ आयोजन
श्री हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप मदकू सनातन संस्कृति की प्राचीन परम्पराओं केंद्र है, यह क्षेत्र माण्डूक्य ऋषि की तपस्थली है जो कि प्राचीन काल में माण्डूक्य द्वीप के नाम से जानी जाती थी तदतंर में अपभ्रंश होकर मदकू द्वीप के रूप में जानी जाती है। द्वीप क्षेत्र का 19 मंदिरों का देव संकुल हो ,12 स्मार्त लिंग का होना ही इस क्षेत्र की पवित्रता,प्राचीनता और सांस्कृतिक समृद्धता का प्रमाण है। उत्तर वाहिनी शिवनाथ इस क्षेत्र को साधना की दृष्टि से सर्वथा अनुकूल बनाती है उक्त बातें मण्डलेश्वर संत रामरूप दास महात्यागी जी के द्वारा श्री हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप मदकू में आयोजित शिवनाथ पूजन एवं दीपदान महोत्सव के अवसर पर कही गई। अपने उद्बोधन में श्री रामरूप दास महात्यागी महाराज के द्वारा कार्तिक पूर्णिमा के पौराणिक संदर्भों का भी उल्लेख किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रांत समरसता प्रमुख कौशलेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा द्वीप क्षेत्र में समय समय पर विभिन्न धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज को जोड़कर मदकू द्वीप के प्राचीन वैभव को पुनः स्थापित करने का आव्हान किया गया।
बैकुंठ चतुर्दशी/कार्तिक पूर्णिमा के पुण्य अवसर पर श्री हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप मदकू में श्री रामरूप दास महात्यागी महाराज के सानिध्य में भगवान शालिग्राम का अभिषेक एवं विष्णु-सहस्रनाम से सहस्त्रार्चन किया गया।उक्त पूजन अर्चन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए।पूजन अर्चन पश्चात नदी एवं जल के प्रति सम्मान और कृतज्ञता ज्ञापित करने के निमित्त श्री हरिहर क्षेत्र केदार मदकू द्वीप (शिवनाथ घाट ) पर शिवनाथ नदी पूजन, आरती एवं दीपदान का आयोजन किया गया है।
उक्त कार्यक्रम में धर्म जागरण छत्तीसगढ़ प्रांत, श्री हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप सेवा समिति मदकू,श्री राधा कृष्ण मंदिर समिति ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं सदस्यों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।