नौकरी व मुआवजा की मांग: वादा खिलाफी से भड़के भू-विस्थातों ने सीएमडी का फूंका पुतला

उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहें प्रबंधन

कोरबा 22 सितंबर। लंबे समय से नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे किसान से सभा से जुड़े कुसमुंडा व गेवरा प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक जीएम कार्यालय के सामने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड, एसइसीएल के सह-प्रबंधक निदेशक सीएमडी, डा.प्रेम सागर मिश्रा का पुतला फूंककर नाराजगी जाहिर की गई। मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने पुतला छीनने का प्रयास किया पर असफल रहे।

छत्तीसगढ़ किसान सभा, भू विस्थापित रोजगार एकता संघ और भू.विस्थापितों के अन्य संगठनों के आह्वान पर 11 और 12 सितंबर को कोयले की आर्थिक नाकाबंदी की गई थी। आंदोलन के दबाव में एसईसीएल प्रबंधक को झुकना पड़ा था। जिला प्रशासन की मध्यस्थता में सीएमडी डा.मिश्रा ने 21 सितंबर को आंदोलनकारियों की तमाम मांगों पर वार्ता कर भू-विस्थापितों के समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया था। इसमें भू-विस्थापितों को रोजगार, जमीन वापसी व पट्टा वितरण आदि विषयों पर चर्चा की जानी थी लेकिन प्रबंधन ने इसे अचानक स्थगित कर दिया। पहले से नाराज चल रहे भू-विस्थापितों का आक्रोश और बढ़ गया है। किसान सभा के नेतृत्व में भू-विस्थापितों ने गुरूवार को कुसमुंडा और गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने एसईसीएल के सीएमडी डा. प्रेम सागर मिश्रा और जिला प्रशासन का पुतला फूंकने के साथ आगे खदान महाबंद के साथ कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी दी है। यहां बताना होगा कि रोजगार,पुनर्वास,पुनर्वास गांव में काबिज भू विस्थापितों को पट्टा और अनुपयोगी भूमि की वापसी से जुड़ी मांगों पर पिछले दो सालों से यहां आंदोलन चल रहा है। आंदोलन के दबाव में एसईसीएल प्रबंधन भू-विस्थापितों को आश्वासन तो देता रहा है, लेकिन उस पर उसने कभी अमल नहीं किया। इस बार भी सीएमडी ने भू-विस्थापितों को धोखा देने का काम किया है। इससे भू विस्थापितों का आक्रोश बढ़ गया है।

किसान सभा ने खनन प्रभावित 54 गांवों के भू विस्थापितों से फिर से सड़क पर उतर कर खदान बंद के साथ सीएमडी कार्यालय बिलासपुर व कोरबा कलेक्ट्रेट का घेराव का एलान कर दिया है। पुतला दहन में प्रमुख रूप से रेशम यादव,दामोदर श्याम,जय कौशिक,अनिल बिंझवार,बसंत चौहान,मोहन यादव,हरिहर पटेल,शिवदयाल कंवर,यशवंत कंवर,प्रमोद पैकरा,राजेश कंवर,विकास सिंह के साथ बड़ी संख्या में भू-विस्थापित उपस्थित थे। माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि भू-विस्थापित ग्रामीणों पर हो रहे अन्याय पर एसईसीएल प्रबंधन को मुनाफा कमाने नहीं दिया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र के नाते सामाजिक कल्याण की जिम्मेदारी को पूरा करने सीएमडी डा.मिश्रा को मजबूर किया जाएगा। रोजगार और पुनर्वास की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की भी है पर एसईसीएल पर प्रशासन लगाम नहीं लगा रही। सीएमडी केवल कोयला उत्पादन में मशगूल हैं उन्हे भू-विस्थापितों के समस्याओं से कोई सरोकार नहीं। रोजगार, बसावट के साथ अन्य सुविधाओं के लिए केवल गुमराह कर रहे हैं।

किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर व दीपक साहू ने कहा कि आगे भी सभी भू-विस्थापित एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। जब तक उनका अधिकार नहीं मिल जाता यह संघर्ष जारी रहेगा। एसईसीएल को प्रभावितों के साथ तालमेल बनाकर चलना होगा। झूठा आश्वासन अब बर्दाश्त नहीं किय जाएगा। उन्होने प्रबंधन को आगे और भी उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहने कहा है।

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