थर्मल ड्रोन कैमरे से होगी हाथियों की निगरानी

कोरबा 16 सितंबर। कोरबा में हाथियों की निगरानी अब हाईटेक तरीके से की जायेगी। रात के अंधेरे में भी जंगल के बीच विचरण कर रहे हाथियों को आसानी से ट्रेस कर लिया जाएगा। दरअसल विभाग द्वारा थर्मल ड्रोन कैमरा का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है।

कोरबा जिले में हाथी अब आतंक का पर्याय बन गए हैं। हाथियों द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाने के साथ ही एक के बाद ग्रामीणों पर हमला भी किया जा रहा है। जिससे कई लोगो की मृत्यु भी हो चुकी हैं हाथियों की निगरानी करने में विभाग पूरी तरह से फेल साबित हुआ है।
दरअसल हाथी चंद मिनट में ही कई किलोमीटर का सफर तय कर लेते हैं और ऐसे में हाथी घने जंगलों में छिप जाते हैं। जिससे इन हाथियों को निगरानी कर पाना विभाग के लिए चुनौती से कम नहीं हैं। यही वजह है कि वन विभाग अब हाथियों की निगरानी दिन व रात के समय में भी बड़ी आसानी से आसमान से सीधे निगरानी करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए वन विभाग थर्मल ड्रोन कैमरा खरीदने का प्रस्ताव बनाकर वन मुख्यालय भेजा गया है। जहां से स्वीकृति मिलते ही विभाग द्वारा थर्मल ड्रोन कैमरे हाथियों की आसानी से आसमान से निगरानी हो सकेगी।

थर्मल ड्रोन कैमरे की खासियत
वर्तमान में विभाग द्वारा सामान्य ड्रोन कैमरे का उपयोग किया जा रहा है जो दिन के वक्त ही काम करता है। मगर थर्मल ड्रोन कैमरे की खासियत ये है कि ये कैमरा रात के अंधेरे में घने जंगल के बीच छिपे हाथियों को स्कैन कर लेगा। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रारंभ में एक थर्मल ड्रोन कैमरा का उपयोग किया जायेगी। कारगर साबित होने के बाद कोरबा और कटघोरा दोनो वन मंडल के लिए कैमरे की खरीदी की जायेगी।

कटघोरा वन मंडल इलाके में 43 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। जिसमे झुंड से अलग एक दंतैल हाथी रिहायशी क्षेत्र में घुसकर लोगो को मौत के घाट उतार रहा है। वही झुंड में घूम रहे हाथी फसलों को तबाह कर रहे है। हाथियों की सही लोकेशन नही मिलने की वजह से हाथियों का उत्पात रोकने में वन विभाग नाकाम साबित हो रहा हैं। उम्मीद जताई का रही है कि थर्मल ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल से इंसान-हाथी के बीच के द्वंद पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

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