कोरबा 10 सितम्बर। भाद्रपद मास की चतुर्थी से विघ्न विनाशक भगवान गणेश का महोत्सव शुरू हो रहा है। शहरी और गारमेंट क्षेत्र में इसके लिए तैयारी का सिलसिला जारी है। इस उत्सव के अंतर्गत कई प्रकार के व्यवसायों को आर्थिक मजबूती मिलती है इसलिए संबंधित उद्यमियों को इस पर्व की काफी प्रतीक्षा रहती है।

औद्योगिक जिले कोरबा में शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में गणेश उत्सव पर्व धूमधाम से मनाने की परंपरा पिछले अनेक वर्षों से रही है। इस परंपरा का निर्वहन इस बार भी पूरी भव्यता के साथ होगा। अभी से बड़े पूजा पंडाल बनाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं जबकि छोटे स्तर पर होने वाले आयोजन के लिए इंतजार किया जा रहा है। जिले में मूर्ति बनाने वाले शिल्पकारों की संख्या सीमित है। जबकि इसी व्यवसाय में कुछ शिल्पकार दूसरे राज्यों से यहां पर पहुंचे हुए हैं। मूर्तिकार बताते हैं कि कोविद.19 का दौर खत्म होने के बाद छोटे और बड़े स्तर पर गणेश आयोजन करने को लेकर लोगों में काफी उत्साह जगा हुआ है। नागपुर की तुलना में कच्चा माल और लेबर चार्ज बढ़ाने से इस बार थोड़े महंगे दर पर मूर्तियां उपलब्ध कराई जा रहे हैं। विश्वकर्माए गणेश और दुर्गा पूजा के बाद दीपावली पर तैयार होने वाली दीपमालिकाए मिट्टी के दीपको से शिल्पकारों की जीविका पूरे जीवन पर सुनिश्चित होती है। कोरबा जिले में लाखों रुपए कीमत की प्रतिमा हाथों.हाथ आयोजकों को मुहैया हो जाती हैं। शिल्पकार बताते हैं कि स्थानीय स्तर पर यह व्यवसाय हमारे लिए काफी सुविधाजनक है और सबसे अच्छी बात यह है कि लोग इस मामले में किसी प्रकार का मोलभाव करने को लेकर उत्साहित नहीं रहते।

विश्वकर्मा पूजा और गणेश से पर्व को लेकर स्थानीय के साथ-साथ जिले के बाजार में काफी रौनक अभी से नजर आ रही है। नारियल के साथ-साथ प्रसाद सामग्री का कारोबार ही लाखों में होने की संभावना जताई जा रही है। फल से लेकर सजावटी सामान, की वेरायटी बाजार में उपलब्ध हो गई है। इसके साथ ही फ्लावर डेकोरेशन पर लाइट साउंड का व्यवसाय करने वाला वर्ग भी इस त्योहार से अपने लिए काफी संभावनाएं तलाश रहा है।

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