चुनाव घोषणा पत्र: कांग्रेस सरकार हाफ बिजली योजना लागू कर चौतरफा बटोर रही वाह-वाही
कोरबा 31 अगस्त। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार हाफ बिजली योजना लागू कर चौतरफ ा वाहवाही बटोर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक विपरीत है। यह बात और कोई नहीं, बल्कि कांग्रेस के नेता खुद कह रहे हैं। कोरबा जिले की कांग्रेस नेत्री श्रीमती शशिलता पांडे तो इस हकीकत का बयान करते हुए फफक-फफक कर रोने लगी।
वाकया सोमवार का है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस की चुनाव घोषणा पत्र समिति की दो महिला सदस्य श्रीमती वाणी राव और श्रीमती शेषराज हरबंस कोरबा प्रवास पर थीं। वे स्थानीय पंचवटी विश्रामगृह में कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं से चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए सुझाव मांग रही थी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने महिलाओं को अनेक लाभ दिए हैं। महिलाओं को और क्या लाभ दिया जाना चाहिए? इस संबंध में सभी महिलाएं अपना सुझाव दें। उनके सुझाव को चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा।
महिला कार्यकर्ताओं के बोलने की बारी आई, तो अधिकांश कार्यकर्ताओं ने बिजली बिल की समस्या का उल्लेख किया और संपूर्ण बकाया बिजली बिल को माफ किए जाने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने विद्युत वितरण विभाग पर मनमानी करने और उपभोक्ताओं को बेहिसाब बिजली बिल देने का आरोप लगाया। साथ ही बिल का भुगतान नहीं करने पर सैकड़ो घरों की बिजली काट दिए जाने की जानकारी दोनों महिला नेताओं को दी। कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं में जिले की वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती शशिलता पांडेय भी शामिल थी। बाद में उन्होंने बातचीत की और अपनी आप बीती सुनाई। बात करते-करते वह फफक-फफक कर रोने लगी।
कोरबा के परसाभाठा बालकोनगर वार्ड की निवासी श्रीमती शशि लता पांडेय ने बताया कि पूर्व में उनके घर का बिजली बिल प्रतिमाह तीन से चार सौ रुपये आता था। वर्ष 2021 में एकाएक चार हजार रुपये का बिल आ गया। उन्होंने बिल का भुगतान कर दिया। इसके अगले माह उन्हें फिर से चार हजार का बिजली बिल मिला। उन्होंने विद्युत वितरण विभाग के अधिकारियों को अधिक बिल मिलने की जानकारी दी और उसे कम करने का आग्रह किया, लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी। वे आर्थिक रूप से सम्पन्न नहीं हैं, इसलिए बिल जमा नहीं कर सकी। इसके बाद बिल की राशि बढ़ते बढ़ते 2022 में चालीस हजार हो गई। इसके बाद उनका बिजली कनेक्शन काट दिया गया। इतना ही नहीं, उनके खिलाफ पुलिस में बिजली चोरी की रिपोर्ट लिखा दी गई। अभी वे न्यायालय से जमानत पर हैं। उपभोक्ता फोरम ने उनका बिजली कनेक्शन जोडऩे का आदेश दिया है, लेकिन उस आदेश का भी पालन करने से इनकार कर दिया गया है। अब 2023 में उनकी बकाया बिल की राशि दो लाख पचहत्तर हजार रुपये हो गई है। उन्होंने बताया कि इसी तरह से सैकड़ों परिवारों को बेहिसाब बिजली बिल दिया जा रहा था और उनमें सुधार भी नहीं किया जा रहा था। इसी वजह से अकेले परसाभाठा वार्ड में एक हजार से अधिक परिवारों की बिजली काट दी गई है।
गौरतलब है कि सरकार गठन के समय से ही ऊर्जा विभाग प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास रहा है। कांग्रेस के 2018 के घोषणा के अनुरूप 200 यूनिट तक बिजली बिल पर पचास फीसदी छूट दी जा रही है। बावजूद इसके उपभोक्ताओं को शिकायत रही है कि उन्हें अधिक राशि का बिजली बिल दिया जा रहा है। हालांकि उनकी शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं होती और बाध्य होकर उन्हें बिल का भुगतान जॉन पड़ता है।