नये सेप्टिक टैंक को बनाया शराब बनाने की मशीन, एक की मौत, दो गंभीर

कोरबा 5 अगस्त। शराब बंदी की मांग करते हुए साढ़े वर्ष का समय बीत गया लेकिन हुआ कुछ नहीं। इसके ठीक उल्टे जहां-तहां मनमाने तरीके से शराब बनाने और दूसरे क्षेत्रों से शराब की खेप लाकर बेचने के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। इन सबके बीच कोरबा के सीतामढ़ी क्षेत्र में अवैध रूप से शराब बनाने और धन कमाने के चक्कर में एक व्यक्ति की मौत हो गई। सेप्टिक टैंक में यह काम किया जा रहा था। पीडि़त को बचाने के चक्कर में नीचे उतरे दो और लोग महुआ के दुष्प्रभाव से मूर्छित हो गए। उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कोरबा नगर के सीतामणी क्षेत्र में यह घटना हुई है जिसमें अवैध कार्यों की पोल खोलकर रख दी। बताया जाता है कि यहां पर एक परिवार के द्वारा नए मकान का निर्माण कराया जा रहा है। इसके पिछले हिस्से में टॉयलेट के लिए सेप्टिक टैंक तैयार किया गया। इसे अभी उपयोग में शामिल नहीं किया गया था। 10 फीट गहराई वाले सेप्टिक टैंक को जरूरत से कहीं ज्यादा उपयोगी और आर्थिक रूप से लाभदायक बनाने का विचार कुछ लोगों के दिमाग में आया। उन्होंने सोचा कि कुछ अच्छा किया जाए ताकि आमदनी हो सके। इसके लिए महुआ की शराब बनाने की योजना पर काम किया गया। सेप्टिक टैंक में पर्याप्त जगह थी इसलिए इसमें अधिक मात्रा में महुआ डंप करने के साथ उसे सड़ाने की कार्यवाही की गई। निश्चित दिवस के बाद उसे हटाने और फिर अगला काम करने पर जोर दिया गया। खबर के मुताबिक 30 वर्षीय नरेंद्र कुमार सहिस सेप्टिक टैंक में उतरा था। महुआ के सडऩे से उत्पन्न गैस के दुष्प्रभाव से वह इसकी चपेट में आ गया। चाहकर भी वह बाहर नहीं आ सका। ज्यादा समय होता देख मान गुड्डू और बिहारी यादव नीचे उतरे। उन्हें उम्मीद थी कि वे दोनों नरेंद्र को सही सलामत उपर लाने में सफल हो जाएंगे। लेकिन महुआ की गंध के असर से उनका भी बुरा हाल हो गया और वे भी मूर्छित हो गए। अन्य लोगों ने इस पर संज्ञान लिया जिसके बाद किसी तरह से तीनों को निकाला गया और अस्पताल भिजवाने की कार्यवाही की गई। चिकित्सक ने प्राथमिक परीक्षण के साथ नरेंद्र को मृत घोषित कर दिया जबकि दो मूर्छित युवकों को उपचारार्थ भर्ती किया गया है। कोतवाली पुलिस ने मिली सूचना पर 174 सीआरपीसी के अंतर्गत मर्ग कायम किया है और आगे की कार्रवाई करने की बात कही है।

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