स्वास्थ्य विभाग का प्रयास: घर-घर पहुंचेंगी मितानिन, थमेगा डायरिया

कोरबा 25 जून। मौसम की चाल बदलने के साथ होने वाली कई प्रकार की समस्याओं से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयास में जुट गया है। कोरबा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में मितानिन घर घर पहुंचकर लोगों को जागरूक करने के साथ उन्हें जरूरी दवा और परामर्श प्रदान करेंगी। अभियान की शुरुआत 20 जून से हो गई है।

04 जुलाई तक इस अभियान को 15 दिन के लिए संचालित किया जा रहा है जिसे डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का नाम दिया गया है। सरकार के निर्देश पर सभी क्षेत्रों में इस प्रकार की कोशिश की जा रही है। गर्मी की समाप्ति और बारिश की शुरुआत के साथ मौसम संबंधी कारणों से डायरिया फैलने की संभावनाएं रहती है और बीते वर्षो में इस प्रकार के अनुभव आसपास में हो चुके हैं। डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण के कारण इस प्रकार की परिस्थितियां निर्मित होती है और इसमें लोग बीमार पड़ते हैं। बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के व्यक्ति इसकी चपेट में आते हैं इसलिए स्वास्थ विभाग ने डायरिया रोकने के लिए मैदानी स्तर पर अपना काम तेज किया है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस काम को अंजाम देने के लिए पूरे जिले भर में अपने तंत्र के सहयोग से लोगों तक पहुंच बनाई जा रही है। प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए पिछले कई वर्षों से काम कर रही मितानिन स्वास्थ्य विभाग के इस अभियान में धुरी का काम करेंगे। उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी घरों में पहुंच बनाएं और वहां लोगों को ओआरएस के पैकेट का वितरण करें। जिन मामलों में डायरिया पीडि़त व्यक्ति पाया जाएगा वहां पर वायरस के एकत्रित पैकेट के साथ जिंक सल्फेट के टैबलेट प्रदाय की जानी है। इसकी मात्रा बच्चों उनके मामले में तय की गई है क्योंकि इस प्रकार के मामले ज्यादातर इसी श्रेणी में आते हैं। इसके लिए समय सीमा भी निश्चित की गई है और संबंधित लोगों को अभियान के दौरान बताया जाएगा कि किस तरह से इसका उपयोग करना है। 4 जुलाई तक कोरबा जिले में संचालित होने वाले डायरिया नियंत्रण पखवाड़े में स्वास्थ्य विभाग 2500 से ज्यादा मितानिन की सेवाएं प्राप्त करेगा। कहां जा रहा है कि इस तरह की कोशिश से मौसम परिवर्तन के दौरान उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का आसानी से सामना किया जा सकेगा।

कोरबा जिले के सबसे संवेदनशील विकासखंड में कोरबा शामिल है। कई कारणों से यहां पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पेश आती हैं। 512 मितानिन के माध्यम से इस अभियान को लेकर काम शुरू किया गया है। मुख्य रूप से अपने क्षेत्र में सर्वे के दौरान यह कार्यकर्ता लोगों को ओआरएस देने के साथ विकल्प भी बताएंगे की इसे तैयार कैसे कर सकते है। लोगों को जागरूक भी किया जाना है कि वह किसी भी कीमत पर बच्चे या अन्य सदस्यों को निर्जलीकरण जैसी स्थिति से बचाएं।
डॉ दीपक राज, बीएमओ कोरबा

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