सरस्वती साइकिल योजना: स्कूल खुलते ही इस बार मिलेगी बेटियों को साइकिल
कोरबा 20 जून। 26 जून से नवीन शैक्षणिक सत्र की शुरूआत हो रही है। इस बार नवमीं कक्षा की बेटियों विद्यालय प्रवेश के साथ ही साइकिल दी जाएगी। अब तक उन्हे यह सुविधा सत्र के मध्य अथवा दसवीं कक्षा पहुंचने के बाद ही प्राप्त होती थी। यह पहली बार होगा जब बालिकाओं को स्कूल खुलने के साथ ही साइकिल की सौगात दी जाएगी। आठवीं से उत्तीर्ण होकर नवमीं कक्षा में दाखिला लेने वाली 6500 छात्राओं को 16 जून से ही साइकिल मिलने से स्कूल पहुंचने की राह आसान होगी।
सरस्वती साइकिल की योजना के तहत प्रतिवर्ष छात्राओ को साइकिल प्रदान की जाती है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह योजना 14 साल पहले शुरू की गई थी। जिले 295 शासकीय हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल का संचालन हो रहा है। वनांचल ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को अब भी लंबी दूरी तय स्कूल जाना पड़ता है। भले ही सरस्वती साइकल प्रति वर्ष प्रदान की जाती है पर समय पर वितरण नहीं होने की वजह से बालिकाओं को सत्र की शुरू से ही पैदल अथवा बस से यात्रा कर स्कूल पहुंचना होता था। इस बार यह यह समस्या नहीं होगी। आठवीं कक्षा में उत्तीर्ण के पश्चात नवमीं कक्षा में दाखिला लेते ही साइकल दी जाएगी। यह योजना केवल सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए है। राज्य शासन की ओर जिले के पांचों ब्लाक मुख्यालय पाटर््स माह भर पहले ही भेजा जा चुका था ताकि बालिकाओं को शिक्षा सत्र की शुरूआत में साइकिल की सुविधा है। बताना होगा चुनावी वर्ष होने के कारण साइकल वितरण पर आचार संहिता की शिकंजा लग सकती है।
बालिकाओं को होने वाली असुविधा की संभवाना को देखते हुए सत्र की शुरूआत में ही साइकिल वितरण का निर्णय लिया गया है। लोगों का मानना है कि जिस तरह से इस वर्ष साइकिल प्रदान सत्र की शुरूआत में की जा रही है उसी तरह प्रत्येक वर्ष की जानी चाहिए। इससे सरकार के प्रति आमजन की विश्वसनीयता भी बनी रहेगी।
राज्य सरकार ने विकाखंड मुख्यालयों में साइकिल का पाट्र्स भेजा है जिसका एसेंबल भी किया जा चुकी है। शिक्षा विभाग की ओर से सायकल स्कूल ले जाने के लिए सूचना भी दे दी गई है। विकासखंड मुख्यालय से स्कूलों तक साइकिल को परिवहन करने के लिए आकस्मिक शाला निधि व्यय की राशि का उपयोग किया जाएगा। सायकिल परिवहन के लिए कई स्कूलों में अभिभावकों से राशि लेने की भी शिकायतें आते हैं। शिक्षा विभाग ने अभिभाावकों का साइकिल के नार किसी तरह की राशि नहीं देने के लिए कहा है।
बालिकाओं को निश्शुल्क साइिकल देने का मुख्य उद्देश्य हायर सेकेंडरी तक पढ़ाई सुनिश्चत करना है। मोरगा, करतला, पोड़ी-उपरोड़ा हायर सेकेंडरी आदि स्कूलों में दूर दूर से छात्राएं पढ़ाई करने आती है। अधिकांश गांवों को प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत मुख्य मार्गों से जोड़ा जा चुका है। सड़को का समय पर मरम्मत नहीं कराए जाने की वजह से जर्जर हो चुकी है। यही वजह है छात्राओं को दी जाने वाली साइकिलें चार साल नहीं टिक पाती और बालिकों को स्कूल पहुंचने में परेशानी होती है।