नॉन कोकिंग कोल की पुनरीक्षित दरें निर्धारित, अधिसूचना जारी

कोरबा 31 मई। विभिन्न क्षेत्रों में कोयला के उपयोग का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इसकी पूर्ति करने की जिम्मेदारी देश में कोयला कंपनियों की है। लगातार इस दिशा में काम हो रहा है। अलग-अलग कारणों से कंपनी पर काम का दबाव है और कोयला की बढ़ती मांग को पूरा करने की जिम्मेदारी। इन्हीं कारणों को ध्यान में रखते हुए नॉन कोकिंग कोल की प्रचलित दरों में आंशिक बढ़ोत्तरी की गई है। पुनरीक्षित दरों का निर्धारण करने के साथ कोल इंडिया ने अधिसूचना जारी कर दी है। उक्तानुसार व्यवसायिक उपभोक्ताओं को नई दरों पर नॉन कोकिंग कोल उपलब्ध होगा।

31 मई से नई दरें प्रभावशील हो गई है और यह कोल इंडिया के अंतर्गत काम करने वाली सभी कंपनियों पर समान रूप से लागू होगी। स्वाभाविक रूप से कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनियों को पुनरीक्षित दरों के हिसाब से अपने उपभोक्ताओं को कोयला की बिक्री करनी होगी। बताया गया है कि हालिया बढ़ोत्तरी लगभग 8 फीसदी के आसपास है और कोल इंडिया इसके माध्यम से हर महीने कई हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त रूप से अर्जित करेगी। कहा जा रहा है कि व्यवहारिक कारणों से दरों को पुनरीक्षित करने की दिशा में काम किया गया है जो कि लंबे समय से लंबित था। समग्र अध्ययन करने के साथ इस ओर कदम बढ़ाए गए और संबंधित निर्णय लिया गया। कोल इंडिया के महाप्रबंधक खनन और विक्रय के द्वारा इस संबंध में कोल प्राइज नोटिफिकेशन तैयार करते हुए कोल इंडिया के सीएमडी सहित विभिन्न सहयोगी कंपनियों को इसे भेज दिया गया। उक्तानुसार मई अंतिम से नई दरें तत्काल प्रभावशील हो गई है। प्राप्त सूचनाओं में बताया गया कि कोल इंडिया की कोयला उत्पादन करने वाले सभी कंपनियों के लिए यह नियम लागू होगा। इसके हिसाब से पॉवरए फर्टिलाइजर और डिफेंस सेक्टर के लिए नॉन कोकिंग कोल की नई दरें तैयार की गई। इसमें श्रेणीकरण किया गया है।

उक्तानुसार जी.1 से लेकर जी.17 श्रेणी में दरों का निर्धारण किया गया है। जी.2 श्रेणी के महज 10 रुपए का अंतर आया है जबकि जी.3 से जी.6 श्रेणी यथावत रखी गई है। अन्य श्रेणियों में कोयला की दर बढ़ी हुई है। नोटिफिकेशन के अनुसार ग्रॉस केलोरिफिक वेल्यू 6700 रुपए प्रतिटन होगी लेकिन किसी भी स्तर पर यह मात्रा 7000 से उपर नहीं होगी। मौजूदा नियम के अनुसार नई श्रेणियों में कुछ मामलों में प्रतिटन 100 रुपए की बढ़ोत्तरी भी की गई है। इन सबसे अलग यह तथ्य गौर करने वाला है कि नई बढ़ोत्तरी से इतर ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के द्वारा राजमहल एरिया में उत्पादित कोयला के लिए प्रतिटन बढ़ोत्तरी का मानक सामान्य से ज्यादा है।

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