बजरंग दल की तुलना पीएफआई से कर कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा फिर आया सामने

बजरंग दल ऐसे देश के दुश्मन, राष्ट्रविरोधी शक्तियों का मुंहतोड़ देगा जवाब

बजरंग दल ने मुख्यमंत्री व कांग्रेस के इन बयानों की की घोर निंदा व भर्त्सना

रायपुर। प्रदेश की राजधानी रायपुर में स्थित वीएचपी कार्यालय में आज 04 मई को विश्व हिंदू परिषद की शाखा बजरंगदल ने प्रेस वार्ता की। प्रेसवार्ता में बताया गया कि, कांग्रेस के कर्नाटक चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना PFI से कर बजरंग दल को बैन करने की बात कही गई है। उसके अनुसरण में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का बयान भी आया कि, “हमने बजरंगियों को ठीक कर दिया है। हम भी छत्तीसगढ़ प्रदेश में बजरंग दल को बैन करने पर विचार करेंगे।” प्रदेश के मुख्यमंत्री का यह बयान घोर आपत्तिजनक व अलोकतांत्रिक है। उनके इस बयान के माध्यम से हमेशा की तरह कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा फिर सामने आया है। विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल प्रदेश के मुख्यमंत्री व कांग्रेस के इस बयान की घोर निंदा व भर्त्सना करता है।”

इस प्रेसवार्ता में विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष संतोष गोलछा, प्रान्त सह मंत्री घनश्याम चौधरी व बजरंग दल के प्रांत संयोजक ऋषि कुमार मिश्रा ने चर्चा में बताया कि, कर्नाटक राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल की तुलना पी, एफ, आई,से कर बैन लगाने की बात कही है, उससे पहले पार्टी ये जान ले कि सन् 2011-12 में जब केन्द्र में कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार थी, तब भी पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी जी ने भी बजरंग दल पर बैन लगाने का प्रयास किया था, तब उनके प्रमुख सलाहकार के, एम, नारायणन जी ने गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मंगाई थी और उस रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने सोनिया जी को बजरंग दल पर बैन लगाने से मना किया था, बजरंग दल शुद्ध रूप से हिन्दू सनातन धर्म और राष्ट्रहित में काम करने वाला धार्मिक संगठन है, जो विश्व स्तरीय, संगठन विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शन के अनुसार काम करता है। ज्ञात हो जब कांग्रेस की सरकार ने हमारे मातृसंगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बैन लगाया था और जब जब बैन हटा है, संघ एक बड़ी महाशक्ति के रुप में उभरा है और आज आरएसएस की शक्ति को पुरा विश्व जानता है, इसलिए किसी सज्जन शक्ति और धार्मिक, देशभक्त संगठन को बैन करने की सोचना महापाप है। पीएफआई का नाम कई बार आतंकवादी गतिविधियों में और राष्ट्र विरोधी हिंसक वारदातों में आता रहा है
पीएफआई की तुलना बजरंग दल से करना, घटिया और गंदी मानसिकता की परिणाम है। आज तक किसी भी धर्म और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में बजरंग दल का नाम नही आया है। जब भी हिन्दू सनातन धर्म पर कोई आंच आती है तब बजरंग दल अपने जान की बाजी लगाकर अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्रहित के कार्य के लिए तत्पर और तैयार रहता है। 1990 के दशक में बाबा अमरनाथ की यात्रा, जब आतंकवादी हमलों के कारण बन्द हुई तब बजरंग दल के साहसी नौजवानों ने यह यात्रा अपनी जान की परवाह ना करते हुए की, जब केन्द्र की कांग्रेस सरकार, पवित्र रामसेतु को तोड़ने का पाप कर रही थी, तब पुरे देश में जनजागरण का काम किया है। आज भी कहीं लव जिहाद होता है, गौ माता कत्लखाने जाती है, या गौ माता का इलाज करना होता है, मठ मंदिर टुटते है या कहीं हिन्दू समाज का धर्मांतरण होता है, कहीं हिन्दू समाज के विरुद्ध अत्याचार हो, तब ऐसे समय में अनेक देशहित के कामों के लिए हिन्दू समाज की ढाल के रुप में बजरंग दल खड़ा रहता है। ऐसे पवित्र और रामभक्त संगठन पर बैन लगाने की बात करने वालों को हिन्दू समाज कभी क्षमा नहीं करेगा और बैन की बात करने वालों को गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिलेगा। श्री रामभक्त बजरंग बली की शक्ति को तो त्रैलोक्य विजेता रावण भी नही रोक पाया था तो आज के ये धर्म विरोधी लोग क्या रोक पायेंगे? कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल पर बैन करने की बात कहने वाली पार्टी को हिन्दू समाज सबक सिखायेगी।

माननीय मुख्यमंत्री को चाहिए कि छतीसगढ़ में हो रहे अंधाधुंध धर्मांतरण पर रोक लगाये। लव जिहाद तथा भूमिजिहाद पर रोक लगाये। छत्तीसगढ़ की शांत भूमि पर बड़े पैमाने पर रोहिग्याओं को बसाकर यहाँ का माहौल खराब करने पर रोक लगाये। श्री हनुमान की पूंछ पर आग लगाकर लंका दहन कोई नहीं रोक सकेगा। इन सब बातों का जवाब देना देश – प्रदेश की जनता अच्छे से जानती हैं।

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