ग्राम पंचायत जिलगा में 6 माह से पानी की किल्लत

कोरबा 23 अपै्रल। जिला मुख्यालय से लगभग 55-60 किलोमीटर दूर स्थित कोरबा ब्लॉक के ग्राम पंचायत जिलगा में विगत 6 माह से पीने, नहाने, निस्तारि के पानी की किल्लत हो गई है। गांव में 2 बोर के माध्यम से दो टंकियों में पानी भरकर गांव में नल जल के माध्यम से पानी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा था। जिसमें से पुरानी जो पानी कि टंकी बनी है उससे आधे से अधिक गांव की आबादी नल के जल से पानी ले रही थी लेकिन लगभग 6 माह से बोर का पंप खराब हो जाने के कारण आधी से अधिक आबादी पानी की किल्लत से त्राहि-त्राहि कर रही है।

समस्या को लेकर प्रशासन का ध्यान लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष राजकुमार दुबे ने कराया। कहा गया कि पुरानी टंकी के एरिया में बने नलों में कनेक्शन नहीं कराया गया है। जिसके कारण कोई भी रास्ता पीने, नहाने एवं निस्तारी के पानी का आधी से अधिक आबादी का निकल नहीं पा रहा है। गांव में जो तालाब भी है वह गर्मी होने के कारण लगभग सूख चुका है उसमें केवल कुछ कीचड़ युक्त पानी ही बचा है। जिसमें गांव के जानवर एवं जंगली जानवर किसी तरह अपनी प्यास बुझा रहे हैं, और मजबूरी की हालत ऐसी है की उसी कीचड़ युक्त पानी से गांव के लोग निस्तारिऔर नहाने का कार्य कर रहे हैं। गांव में सरकार के प्रति आक्रोश भी पनपता जा रहा है । जिससे आने वाले दिनों में शासन प्रशासन के प्रति उनकी अपने हक के लिए जन भावनाएं आंदोलित हो सकती हैं गांव के कुछ लोग ने इसकी जानकारी दिए हैं और उनका कहना था की गांव से कोरबा जिला मुख्यालय लगभग 60 किलोमीटर होने के कारण आने में असमर्थ है।कहा गया है कि लोगों के सब्र का बांध टूटे, उससे पहले ग्राम पंचायत जिल्गा के बोर का पंप तत्काल रिपेयरिंग करवा कर या नया लगवा कर गांव के लोगों के पीने,नहाने एवं निस्तारी के पानी की व्यवस्था की जाए।

कोरबा जिले में सीएसआर, खनिज न्यास मद से शहर से लेकर गांव तक सैकड़ों ऐसे कार्य करोड़ों, अरबों रुपए से कराए गए हैं जिनका सालों साल से कोई उपयोग वा औचित्य ही नहीं है। लेकिन जो कार्य 20 से लेकर 30 हजार रुपए में कराने से गांव के लोगों को मूलभूत सुविधाएं एवं जीवन रक्षक सुविधाएं मिल सकती हैं, ऐसे कार्यों में ध्यान ना देना कहीं ना कहीं शासन-प्रशासन की निष्क्रियता की ओर इशारा करता है।

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