पार्षद हीरालाल को बर्खास्त करने की कार्रवाई निरस्त
कोरबा 15 अपै्रल। नगर पंचायत छुरी कला के वार्ड क्रमांक नौ के बर्खास्त पार्षद के निर्वाचन को छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन ने हाईकोर्ट की अनुशंसा पर बहाल कर दिया है। पार्षद ने नौ माह पहले नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग प्रशासन से की थी। इस बीच जमीन बेजाकब्जा मामले में बर्खास्त किए जाने से अविश्वास प्रस्ताव पर ग्रहण लग गया था। अब राज्य नगरीय प्रशासन ने पार्षद को बहाल कर दिया है। इसके साथ ही अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव की राह खुल गई है।
नगर पंचायत छुरी के अध्यक्ष नीलम देवांगन के कार्यशैली से अप्रसन्न हो कर वार्ड क्रमांक नौ के पार्षद हीरालाल यादव ने अविश्वास प्रस्ताव का मोर्चा खोलते हुए कलेक्टर से व्यवस्था देने की मांग की थी। प्रस्ताव के लिए तीन पार्षदों की जरूरत थी। हीरा यादव ने बताया कि आवेदन के चार माह बाद भी मामलें में प्रशासन ने सुनवाई नहीं की। इससे उसे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कोर्ट ने कोरम के आधार पर अविश्वास प्रस्ताव के लिए व्यवस्था देने की बात कही। इस बीच जमीन बेजा कब्जा मामले में कलेक्टर संजीव झा ने पार्षद हीरा लाल को पद से बर्खास्त कर दिया । हीरा ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव लाने में सहयोगी देवेंद्र देवांगन पर भी जमीन बेजाकब्जा का आरोप लगाया गया है, जो अनुविभागीय कार्यालय में प्रक्रियाधीन है। बर्खास्तगी के विरूद्ध हीरा ने हाईकोर्ट में अपील की। जिसपर कोर्ट ने नगरीय प्रशासन में आवेदन कर जांच कराने के लिए कहा। कोर्ट की अनुसंशा पर पार्षद ने नगरीय प्रशासन में आवेदन किया था। जांच में बेजाकब्जा के मामले को निराधार पाया गया। हीरा ने बताया कि जांच के बाद नगरीय प्रशासन के विशेष सचिव ने पार्षद पद को बहाल कर दिया है। साथ ही जिला प्रशासन को नगर पंचायत छुरी के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कहा है। बताना होगा नगरीय प्रशासन के आदेश अध्यक्ष खेमा में हड़कंप मच गया है। तीन पार्षदों के विपक्ष में मतदान करने पर अध्यक्ष नीलम देवांगन को अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है।
बताना होगा कि इससे पहले भी पूर्व अध्यक्ष गोविंद सिंह राजपूत ने समय पर निर्वाचन को आय व्यय का ब्यौरा नहीं दिया था। जिससे उन्हे अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था। नगर में मध्यावधि चुनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी। वार्ड क्रमांक नौ हीरालाल यादव के पार्षद पद से बर्खास्त होने से जिला निर्वाचन ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। बहरहाल पार्षद के पक्ष में नगरीय प्रशासन के निर्णय ने सत्तापक्ष के अविश्वास प्रस्ताव की राह खोल दिया है।