जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के प्रयास से रोका गया बाल विवाह
कोरबा 14 अप्रैल। बाल विवाह की रोकथाम के लिए कई संस्था और प्रशासन द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कोरबा के पोडी उपरोडा के ग्राम पंचायत सलिहाभाठा में रहने वाले वर एवं वधु पक्ष आपसी रजामंदी से बाल विवाह संपन्न कराना चाह रहे थे, विवाह कार्यक्रम के अनुसार 12 अप्रैल 2023 को नाबालिग बालिका के घर बारात पहुंचने वाली थी जिसकी गुप्त सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्राप्त हुई, जिसमें श्री डी.एल.कटकवार, अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश जिला न्यायालय कोरबा के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में श्रीमती शीतल निकुंज, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा उक्त बाल विवाह को रोकने हेतु तुरंत कार्यवाही कर श्रीमती सीमा ठाकुर, महिला बाल विकास पर्यवेक्षण अधिकारी, श्री गणेश जायसवाल चाईल्ड लाईन कार्यालय, निर्मला तंवर, महिला आरक्षक थाना बांगों एवं ग्राम पंचायत सलिहाभाठा के सरपंच श्री सोबरन सिंह एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वॉलिंटियर श्री रविशंकर सागर, श्रीमती विजय लक्ष्मी सोनी, श्री तलवीर सिंह एवं श्रीमती आरती मंगेश्कर की टीम गठित कर ग्राम में जाकर तुरंत बाल विवाह को होने से रोका गया।
मौके पर पहुंची टीम ने बालिका के माता, पिता से बालिका के उम्र के संबंध में साक्ष्य मांगा। मिले साक्ष्य के आधार पर बालिका नाबालिग पाई गई। टीम ने बालिका के माता, पिता व अन्य उपस्थित लोगों को बाल विवाह एक कानूनन अपराध है, बालिका के 18 वर्ष एवं बालक के 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ही विवाह कराया जाना विधि के सम्मत है, बाल विवाह किए जाने पर दो वर्ष का कारावास एवं एक लाख रूपए तक का जुर्माने की सजा का प्रावधान है की जानकारी दी। साथ ही बाल विवाह से होने वाले हानियों के बारे में बताया। बालिका के माता-पिता के परामर्श के बाद भी बालिका की एक, दोबारा शादी किए जाने की आशंका प्रतीत हो रही थी, जिसके गठित टीम ने वर एवं वधु पक्ष से वर एवं वधु के बालिग होने पर ही विवाह किए जाने का शपथपत्र ले कर बाल विवाह को रोक कर नाबालिग बालक बालिका के भविष्य को अंधकार में जाने से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा ने अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया।