राज्य सूचना आयुक्त ने जुर्माना सहित मांगी गई जानकारी नि: शुल्क प्रदाय करने के दिये निर्देश
कोरबा 31 मार्च। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी विगत 6 साल में भी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। इस बारे में जहां जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत के सचिव ने उदासीनता बरती वहीं प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी कोई गंभीरता नहीं दिखाई। इस प्रकरण में राज्य सूचना आयुक्त ने 25.-25 हजार रुपए का जुर्माना 2 अलग-अलग प्रकरणों में आदेशित किया है, साथ ही मांगी गई जानकारी नि:शुल्क प्रदाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
मामला जनपद पंचायत करतला के अंतर्गत ग्राम पंचायत कनकी का है। आवेदक जितेन्द्र कुमार साहू निवासी पथर्रीपारा के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 6-1 के तहत जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत कनकी से 25 अगस्त 2016 को आवेदन देकर कनकी मेंं ग्राम पंचायत रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2013 से आवेदन दिनांक तक स्वीकृत कार्यों की सूची व मस्टर रोल की प्रमाणित प्रति मांगा था। निर्धारित समय-सीमा में जानकारी नहीं मिलने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी जनपद सीईओ के समक्ष अपील आवेदन प्रस्तुत किया किंतु यहां से भी कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके पश्चात राज्य सूचना आयुक्त के समक्ष अपील की गई जहां से जवाब प्रस्तुत करने हेतु लगातार 6 बार सूचना पत्र सचिव एवं जनपद सीईओ को जारी किया गया लेकिन कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया।
शौचालय उपयोगिता की भी जानकारी से परहेज आवेदक जितेन्द्र कुमार साहू ने ग्राम पंचायत कनकी में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्माण कार्य वर्ष 2016-17 में कुल स्वीकृत 710 शौचालय निर्माण कार्य एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र व कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र के साथ कार्य की फोटोग्राफ की जानकारी मांगा था इस हेतु 17 अक्टूबर 2017 को आवेदन प्रस्तुत किया गया। जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत कनकी के द्वारा जानकारी नहीं देने पर प्रथम अपील की गई किंतु कोई जानकारी नहीं मिली। इस प्रकरण में भी अपील किए जाने पर जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी को 8 बार राज्य सूचना आयुक्त के द्वारा नोटिस जारी किया गया एवं लिखित जवाब प्रेषित कर एनआईसी में उपस्थित रहने भी निर्देश दिए गए लेकिन अनदेखी की गई। इस तरह दोनों प्रकरणों में राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने सुनवाई करते हुए प्रथम अपीलीय अधिकारी को आदेशित किया है कि वर्तमान जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत कनकी के द्वारा आदेश प्राप्ति के 30 दिवस के भीतर आवेदक को नि:शुल्क जानकारी डाक द्वारा प्रेषित किया जाए। इसी तरह अलग-अलग 25-25 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी सचिव पर आरोपित किया गया है जिसे तत्कालीन सचिव से वसूल कर शासन के खाता में जमा कर आयोग में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने करतला जनपद सीईओ को आदेशित किया गया है।